(सादिक सिद्दीक़ी कांधला )
कांधला अचानक बढ़ी ठंड से आम जनमानस ही नहीं, पशु-पक्षी भी बेहाल हैं। वहीं लोगों को ठंड से राहत दिलाने के नाम पर तो प्रशासनिक मशीनरी भी पूरी तरह बेसुध पड़ी है। शहर के विभिन्न स्थानों पर नगर पालिका परिषद द्वारा जलवाए जा रहे अलावों की हालत यह है कि गरीबों व राहगीरों के लिए जलने वाले अलाव में आग तो दूर धुंआ तक नहीं उठ रहा है। गीली लकड़ी की आपूर्ति कर नपा कर्मी ही अपना हाथ सेंकने में जुटे हैं, जबकि नपा अधिकारी इससे अंजान हैं। ठंड का कहर बरपाना शुरू हो गया। कई दिन से सूर्य देवता के दर्शन नहीं हुए, नपा अधिकारियों को अलाव की याद आई। प्यास लगने पर कुंआ खोदने वाली कहावत चरितार्थ करते हुए कड़ाके की ठंड में लकड़ी की तलाश शुरू हो गई। कई दिन गुजर जाने के बाद नगर पालिका ने विज्ञप्ति जारी कर शहर के कई स्थानों पर अलाव जलाने की बात बताई। इसके बाद प्रशासनिक अमले ने भी आनन-फानन अलाव जलवाने की विज्ञप्ति जारी कर दी, लेकिन हकीकत यह रही कि लोग कागज, टायर व कूड़े के ढेर में आग लगाकर ठंड से लड़ते नजर आए। नगरपालिका की ओर से अलाव की व्यवस्था की जा रही है लेकिन गली लड़कियां डाली जा रही है और बहुत कम नगर पालिका की आंखों में धूल झोंकर ठेकेदार अलाउड के नाम पर लाखों रुपए का दोबारा न्यारा करने में जुड़े हैं गरीबों को ठंड से राहत भले ना मिले ठेकेदारों की जेब में जरूर गर्म हो रही है
मंगलवार को एक बार फिर मौसम ने करवट ली और ठंड के साथ गलन भी बढ़ गई और लोगों को अलाव की आवश्कता महसूस होने लगी, तब नगर पालिका द्वारा जलवाए जा रहे अलावों को पोल खुली शाम ढलते ही नगर पालिका के ट्रैक्टर ट्रॉली पहुंची कर्मचारियों ने वहां लकड़ी के कुछ टुकड़े गिराए और चलते बने। ठंड से परेशान लोगों ने अलाव की लकड़ी जलाने के काफी प्रयास किए, लेकिन सारी कोशिशें व्यर्थ रहीं।कारण कि लकड़ी गीली थी। उसे देखने से लग रहा था कि तत्काल पेड़ काटा गया है। चौंक चौराहो पर जलने वाले अलावों का जायजा लिया। सभी स्थानों पर नपा द्वारा डाली गई लकड़ियां गीली दिखी। कुछ स्थानों पर लोगों ने सूखी लकड़ी खरीद कर अलाव जला रखा था। नपा के अलाव ठेकेदार अमरीश कुमार से ज़ब अलाव में गीली लकड़ी डाले जाने के संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि पहुंच कर देखता हूं।