केंद्र द्वारा जारी बजट अंतरिम नहीं अंतिम बजट है, इससे महंगाई और बेरोजगारी में बेतहाशा होगी वृद्धि- राघवेंद्र

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सोनभद्र। नरेंद्र मोदी सरकार की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का अंतरिम बजट पेश कर दिया है। इस बजट से लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीदें थी, लेकिन इस बजट ने आम जनता खासकर किसानों, नौजवानों और छात्रों को निराश ही किया है। एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव राघवेंद्र नारायण ने मोदी सरकार के अंतरिम बजट के ऊपर आपनी प्रतिक्रिया के दौरान कहा कि, यह  बजट केंद्र सरकार का अंतरिम बजट नहीं बल्कि अंतिम बजट है, इस बजट से महंगाई और बेरोजगारी में बेतहाशा वृद्धि होगी। जो सरकार १० साल में किसानों की आय दुगुना नहीं कर पाई, बेरोजगारों को रोजगार नहीं दे पाई, और महगाई पर काबू नहीं कर पाई, सस्ती शिक्षा, सबको चिकित्सा नहीं दे पाई उस सरकार से बजट मे आम जनता के लिए राहत की उम्मीद करना दिवा स्वप्न है। आम जनता २४ चुनाव के बाद किसान की आय दुगुनी होने का उम्मीद करें न करे, लेकिन डीजल पेट्रोल, सिलेण्डर, बिजली, खाद, बीज, दवाई, पढ़ाई, टैक्स, टोलटैक्स, और रोजमर्रा की चीजों के दाम दुगुनी होने की उम्मीद जरुर कर सकती है। राघवेंद्र नारायण ने कहा कि, दस साल पहले पीएम मोदी ने हर साल दो करोड़ राज़गार देने की बात कही थी, लेकिन रोजगार देने के बजाय नौजवानों से रोजगार छीने गए, सार्वजनिक उपक्रमों को बेंचा गया, इस तरह बेरोजगारी में बेतहाशा इजाफा हुआ है, नौजवानों का भविष्य अंधकारमय हुआ है। जनता पहले से ही मंहगाई की भट्टी में जल रही है पिछले दस सालों में शिक्षा भी बेहद मंहगी हुई है, आज गरीब व माध्यम वर्ग के लोग बच्चो की महंगी फीस व दवाएं और इलाज इतना मंहगा हो गया है कि आम लोग की कमर टूट चुकी है और लोगो बेमौत मर रहे हैं, सरकारी अस्पतालों का कोई पुरसाहाल नहीं है। आगामी लोकसभा चुनाव में देश की जनता मोदी सरकार से दस सालों का हिंसाब चुकता करेगी। छात्र और नौजवान पहले से ही इस झूठी सरकार और उसके झूठे नेताओं को सबक सिखाने के लिए चुनाव का इन्तजार कर रही है।

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