मशरूर अहमद
नई साल 2019 में समाजवादी पार्टी ने स्वयं अपना नुकसान किया था जब पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया व पूर्व ब्लाक प्रमुख स्व. कुलदीप यादव को पार्टी से निकाला था। नतीजन समाजवादी पार्टी की 2017 में रसूलाबाद विधानसभा में हार हुई। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में स्वयं मुख्यमंत्री की पत्नी डिम्पल यादव की हार हुई। इसके बाद ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी समाजवादी पार्टी की हार हुई और तो और 2022 के विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार सपा का पूरे जनपद में सूपड़ा साफ हुआ।
जिन कमलेश दिवाकर के लिए समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवकुमार बेरिया को टिकट नहीं दी। वहीं कमलेश दिवाकर आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए जबकि रसूलाबाद विधानसभा क्षेत्र में शिवकुमार बेरिया मजबूत स्थिति में थे। हालांकि कमलेश दिवाकर की टिकट से पहले सपा में आपसी विरोध भी चल रहा था।इन सब के बाद 2024 में कन्नौज लोकसभा सपा के लिए आसान नहीं है।
क्योंकि पूरे 5 साल जहां भारतीय जनता पार्टी संगठन में काम करती वहीं सपा के लोग नजर नहीं आते हैं। यही कारण है की वो अब बीजेपी के साथ है उनके साथ हजारों कार्यकर्ता ने बीजेपी का दामन थामा