अजीत विक्रम
गाजीपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीयअध्यक्ष माननीय अखिलेश यादवऔर प्रदेश अध्यक्ष माननीय नरेश उत्तम पटेल के निर्देश पर दिनांक 2,6 जनवरी से शुरु हुए पीडीए पखवाड़े के तहत सदर विधान सभा के बकराबाद,जखनियां विधान सभा के करकापुर,बबुरा ,जंगीपुर विधान सभा के अविसहन,रुहीपुर और जमानियां के देवैथा तथा मुहम्मदाबाद विधानसभा के उतरौली गांव में जनपंचायत आयोजित हुई। उतरौली में आयोजित जनपंचायत को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने देश और प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। सपा कार्यकर्ताओं को इस सरकार में चुन चुन कर मारा जा रहा है और उनके साथ बदले की भावना से कार्यवाई की जा रही है। भाजपा राज में अन्याय और अत्याचार चरम सीमा पर है। उन्होंने महाराष्ट्र में भाजपा विधायक द्वारा थाने में गोली चलाने ,लखनऊ में कुछ समय पहले केन्द्र सरकार में मंत्री कौशल किशोर के घर हुई हत्या और वाराणसी में भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारियों द्वारा बीएचयू की छात्रा के साथ किये गये दुष्कर्म की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इन घटनाओं से भाजपा के चाल,चरित्र और चिंतन की पोल जनता के सामने पूरी तरह से खुल चुकी है। उन्होंने कहा कि जनता इंतजार कर रही है कि भाजपा अपने आईटीसेल के पदाधिकारियों के घर पर बुलडोजर कब चलायेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का बुलडोजर केवल विरोधियों के घर पर चलते हैं।मुहम्मदाबाद विधान सभा के उतरौली गांव में आयोजित जनपंचायत को संबोधित करते हुए विधायक शोएब अंसारी उर्फ मन्नू अंसारी ने कहा कि भाजपा सरकार सत्ता के नशे में मदान्ध हो गयी है। उन्होंने भाजपा के मजहबी फितूर से बचने की हिदायत दिया और यूसीसी कानून की चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव करीब आते ही भाजपा अपने साम्प्रदायिक एजेंडों पर बहस चलाने लगती है । लोकसभा चुनाव के पुर्व अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर और यूसीसी कानून लागू करने के बहाने अब वह देश में धार्मिक उन्माद पैदा करना चाहती है ताकि हिंदू मतों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में करा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा की कट्टर साम्प्रदायिक सोच के चलते इस देश की सभ्यता ,संस्कृति और विविधता में एकता की पहचान खतरे में पड़ गई है। वह इस देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को नष्ट करने पर तुली है। इस सरकार का सत्ता में बने रहना देश के लिए घातक है। लोकसभा के चुनाव में इसे करारी शिकस्त देकर सत्ता से बेदखल करने की जरूरत।
इन जनपंचायतों में मुख्य रूप से रामधारी यादव, अशोक कुमार बिंद गोवर्धन यादव, , राजेन्द्र यादव, अवधेश यादव उर्फ राजू,अनिल यादव, राजेन्द्र यादव, गोविंद यादव, रमेश यादव, खेदन यादव, सिकंदर कन्नौजिया,आदि उपस्थित थे।