वाराणसी में महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ दर्शन करने के लिए रात 12:00 बजे से ही भक्तों का ताता लगना शुरू हो गया था शाम तक लगभग 5 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया महाशिवरात्रि के पर्व पर काशी में छोटे-बड़े सभी मंदिरों में हर हर महादेव के नारे गूंजते दिखाई दिए पुरी काशी शिव मैं हो गई हर गली हर मंदिर में भांग ठंडई के स्टॉल लगाकर आने-जाने वाले भक्तों को ठंडई पिलाने का कार्य करते दिखे काशी के लिए महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही बड़ा अनोखा पर्व होता है जिसमें पंचकोशी यात्रा 24 घंटे में भक्त पूरा करते हैं जगह-जगह पर स्टाल लगा लगाकर जल पिलाने का काम रस पिलाने का काम फलाहार करना एवं भक्तों के विश्राम की व्यवस्था श्रद्धालु करते हैं पूरे काशी में हर तरफ रात 12:00 के बाद से दिनभर और फिर रात भर विभिन्न मंदिरों में कीर्तन जागरण भी किए जाते हैं काशी के लिए एक यह एक बड़ा त्यौहार है सायंकालीन बाबा भोलेनाथ काशी विश्वनाथ की बारात निकाली जाती है वह विहंगम दृश्य देखने योग्य होता है श्रद्धालु भजन भाव में मंत्र दुग्ध रहते हैं और बाबा विश्वनाथ के बारात में शामिल होकर अपने आप को धन्य समझते हैं