अजीत विक्रम
गाजीपुर। शादियाबाद स्थानीय क्षेत्र के बैरमपुर बेवदा मस्जिद में हाफीज मु अब्दुलाल्ह ने सनिवार की देर रात खतमे तरावीह मुकम्मल कराई वहीं तरावीह मुकम्मल होने के बाद मस्जिद में सभी मुस्लिम बन्धुओ ने हाफ़िज़ मु अब्दुल्लाह साहब का इस्तकबाल किया। इस दौरान मस्जिद के अंदर मौजूद अब्दुल कलाम ने बताया कि रमजान उल मुकद्दस का महीना बड़ा बरकत वाला महीना होता है। इसमें हम सब जितनी इबादत करें उतनी कम है। इस पाक महीने में कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें और अल्लाह हमें कुरान सुनाने की और सुनने की तौफीक अता फरमाए। वहीं हाफीज साहब ने बयान करते हुए फरमाया कि इस खास महीने मे मुसलमान अल्लाह के बंदे ज्यादा से ज्यादा रोजे रखे और इस वक्त हमारा अल्लाह तआला सख्त इम्तिहान ले रहा है। जो भी मुसलमान बंदा रोजे रखता है अल्लाह तआला उसकी हर जायज मुरादें पूरी कर देता है और उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। इसलिए हम मुसलमानों को चाहिए कि रमजान मुकद्दस के महीने में ज्यादा से ज्यादा रोजे रखें और कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें। वहीं इस खास मौके पर मस्जिद के इमाम ने कहा कि रमजानुल मुकद्दस का पाक महीना रहमतों व बरकतो वाला महीना होता है । इस महीने में अल्लाह रब्बुल इज्जत रोजेदारों के ऊपर बेशुमार रहमते नाजिल फरमाता है। तत्पश्चात मस्जिद के कमेटी द्वारा हाफीज मु अब्दुल्लाह को अंग वस्त्र व नजराना दिया। वहीं अन्त में सभी मुस्लिम बन्धुओं ने रो- रोकर अल्लाह की बारगाह में मुल्क की सलामती व अमन चैन की दुआए मांगी।इस मौके पर हाजी इम्तेयाज़ , सरफुद्दीन अहमद , नरे आलम , शुएब अहमद , शाहिद , नुरुल होदा नसीम अहमद मजीबुल्लाह अहमद इश्तियाक अहमद अब्दुल कलाम , अकरम हुसैन दाऊद हसन, अब्दुल रहमान, कमरुद्दीन अहमद,असद अहमद सहित सैंकड़ों की संख्या में मुस्लिम बन्धु मौजूद रहे।