वैदिक परम्परा के अनुसार बटुको को दी गई गायत्री मंत्र की दीक्षा

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रामनवमी व चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन बुधवार को गायत्री शक्ति पीठ में सामूहिक उपनयन संस्कार का आयोजन कराया गया।
धर्मनगरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डॉ रामनारायण त्रिपाठी ने बताया कि रामनवमी व चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन 12 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ वैदिक परम्परा के अनुसार बटुकों को गायत्री मन्त्र की दीक्षा दी गई। साथ ही इस संस्कार का महत्व भी समझाया। उन्होंने कहा कि गायत्री मन्त्र की दीक्षा के बाद ही ब्राह्मण बनते हैं। सवा लाख गायत्री मन्त्र जप कर लेने पर ही ब्राह्मणत्व सिद्ध होता है। गायत्री की प्रतिमा ही यज्ञोपवीत है। इस दौरान नव दिवसीय गायत्री जप साधना का समापन भी गायत्री यज्ञ के साथ हुआ। साथ ही मझगवां के देवल्हा ग्राम में गायत्री ज्ञान मंदिर शाखा का भी शुभारम्भ किया गया।


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