25 अप्रैल 2024 को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा: डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र आर्य 

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रतन सिंह
पलवल। जिला नागरिक अस्पताल पलवल के सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार गर्ग के दिशा निर्देशन व जिला मलेरिया विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर सुरेंद्र आर्य के मार्गदर्शन में आगामी 25 अप्रैल को मलेरिया दिवस मनाया जाएगा। सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश गर्ग ने बताया कि मलेरिया व डेंगू को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए यह सर्वोत्तम अवसर है। मलेरिया एक जीवाणु संक्रमण है जिसका विकासशील और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि स्लम, गरीब व पिछड़े क्षेत्र ज्यादा प्रभावित  होते हैं। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, सर्दी व कंपन,सिर दर्द व उल्टियां होना मलेरिया के लक्षण हैं।मलेरिया को जड़ से खत्म करने के लिए हम सभी के लिए प्रतिबद्धता के साथ पूर्णत समर्पित होंने का यह अच्छा अवसर है। मलेरिया विभाग के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ सुरेंद्र आर्य ने बताया कि जिला पलवल में मलेरिया को खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर मलेरिया की जांच कर रही हैं। अब तक 71895 घरों में जाकर मलेरिया की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मलेरिया से संबंधित 16 घरों में नोटिस भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा  लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि मलेरिया  को 2030 तक खत्म कर दिया जाएगा तथा भारत को मलेरिया मुक्त बनाया जाएगा ।डॉ सुरेंद्र आर्य ने बताया कि मलेरिया को खत्म करने के लिए सांझा प्रतिबद्धता व योगदान करके तथा स्वच्छता, जल्दी इलाज व प्रभावी संचार द्वारा मलेरिया को रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि अपने-अपने घरों में प्लास्टिक व रबड़ के टूटे-फूटे बर्तन, कूलर, टायर, नारियल के खोल, आदि में पानी एकत्रित न होने दें। कूलर के पानी को हर सप्ताह बदलते रहें तथा कूलर को सुखाकर व साफ पानी भरकर ही चलाएं ताकि उसमें मलेरिया व डेंगू के अण्डे व लार्वा न पनप सकें और ड्राई डे मनाएं ।जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मंजीत कुमार गौतम ने बताया कि जिला मलेरिया अर्बन विभाग की टीमें मलेरिया व डेंगू को रोकने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं । उन्होंने बताया कि मार्च माह तक 31334 रक्त के नमूने लिए जा चुके हैं जिनमें से मलेरिया का कोई भी पोजिटिव मरीज नहीं है अर्थात उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं है। डेंगू से संबंधित क्षेत्र को चिन्हित कर लिया गया है जिसके लिए 288 तालाबों यानि जोहडों में मलेरिया व डेंगू के लार्वा को खाने वाली गम्बुजिया मछलियां छोड़ी जा चुकी हैं ।स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा लार्वा को खत्म करने संबंधी एक्टिविटीज करवाई जा रही हैं जिसके तहत एक सघन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिला पलवल में डेंगू के तीन मरीज आ चुके हैं जो गांव रहराना व सेवली क्षेत्रों से संबंधित हैं । लेकिन अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉ मंजीत कुमार ने बताया कि “पानी ठहरेगा जहां, मच्छर पनपेगा वहां’ से लोगों को जागरुक करते हुए कहा कि अपने घरों के आसपास गड्ढे में पानी इकट्ठा न होने दें व उस पानी में मिट्टी का तेल, तारपीन का तेल डाल दें या काला तेल डाल दें ताकि मच्छरों के अण्डे व लार्वा न पनप सकें।

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