बारातियों के बीच कहासुनी की वजह से गाजी मियां की नही हो सकी शादी
भदोही। एक बार फिर गाजी मियां की शादी नही हो सकी। सोमवार को अलसुबह गाजे बाजे व आतिशबाजी के बीच निकली बारात में बारातियों से कहा सुनी हो गई। ऐसे में बारात वापस लौट गई। सोमवार को दूसरे दिन भी गाजी मियां के मेले में अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा। जायरीनों ने फातिहा पढ़कर मेले से जमकर सामानों की खरीदारी की और खूब मेले का लुत्फ उठाया। हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतिक हजरत सैयद मसूद गाजी रह.अ.गाजी मियां का ऐतिहासिक मेला परंपरागत ढंग से शनिवार की रात से सज-धजकर तैयार हो गया था। मेले में जनपद सहित आस-पास के जिलों से भी हजारों की संख्या में जायरीनों ने पहुंचकर गाजी मियां के आस्ताने पर हाजिरी दी और फातेहा पढ़ कर मुल्क में अमनो-अमान कायम रहें इसके लिए दुआएं मांगी। साथ ही सभी ने जमकर मेले का लुत्फ लिया। सोमवार को अलसुबह नगर के मर्यादपट्टी स्थित गाजी मियां मेला समिति के नईम खां, जमाल खां व स्व.दाऊद खां के आवास से पूरी श्रृद्धा के साथ धूमधाम व गाजे-बाजे के बीच पलंग पीढ़ी निकाली गई। इस दौरान तमाम मान्यताएं व गंगा जमुनी तहजीब के साथ निकली बारात में जमकर आतिशबाजी की गई। वहीं लाइटिंग के कारण समूचा मेला क्षेत्र रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठा था। मनमोहक आतिशबाजी से आतिशबाजियों ने अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन किया। लोगों ने आतिशबाजी मुकाबले का खूब आनंद उठाया। बारात दरगाह पर पहुंचते ही बारातियों में कहा सुनी हो गई। जिसके चलते गाजी मियां की शादी नही हो सकी। गाजी मियां एक बार फिर कुंवारे रह गए। बैंड बाजा आतिशबाजी के साथ पहुंचे बाराती वापस चले आए। इस मौके पर गाजी मियां मेला समिति के अध्यक्ष नुरैन खां, सभासद अरविंद कुमार मौर्य, गिरधारी जायसवाल, इसरार अहमद, प्रदीप यादव, हारुन खां, खुर्शीद खां, मोहर्रम अली खां, जमील अंसारी, मो.कैफ खां, शेरू खां, अफजाल अंसारी, नशीर हाशमी आदि प्रमुख रुप से मौजूद रहे।
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