सलेमपुर सीट पर फेल हुआ भाजपा सपा के रमाशंकर राजभर ने मारी बाजी
देवरिया एवं बलिया जनपद के पांच विधानसभा सीट वाले सलेमपुर लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर में आखिरकार सपा ने जीतकर बाजी मार ली यहां भाजपा का मिशन हैट्रिक पूरी तरह से फेल हो गया और करीब एक दशक बाद सलेमपुर में फिर से समाजवादी पार्टी की शानदार जीत से सपा कार्यकर्ताओ में जबरदस्त खुशी की लहर दौड़ गई सपा प्रत्याशी रमाशंकर राजभर उर्फ विद्यार्थी ने कांटे की टक्कर में महज करीब 4 हजार 216 वोट से ऐतिहासिक जीत दर्ज किया है सपा प्रत्याशी रमाशंकर राजभर 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वर्तमान प्रत्याशी के पिता और तत्कालीन सांसद स्व. हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा को भी हरा चुके है और एक दशक बाद उन्होंने फिर से वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा को हराकर समाजवादी झंडा लहरा दिया है जीत के बाद सपा प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने अपनी जीत को जनता की जीत बताया और कहा कि संविधान बचाने की मुहिम में जनता के फैसले से उन्हें चुनाव में जीत की सफलता के साथ ही बड़ी जिम्मेदारी भी मिली है हालांकि कांटे की टक्कर में सपा के लिए भी यह चुनाव काफी मुश्किलभरा रहा मतगणना में कई बार अस्सी से लेकर महज एक हजार वोट से पीछे आगे होने के बाद अन्त समय सपा ने चार हजार से बढ़त बनाया और अंततः जीत दर्ज किया भाजपा प्रत्याशी के पिता को हराने वाले सपा प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने भाजपा उम्मीदवार रविंद्र कुशवाहा को भी कांटे की टक्कर में आखिरकार बड़ी शिकस्त दी है वर्तमान सपा प्रत्याशी रमाशंकर राजभर ने 2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी थे और उन्होंने वर्तमान भाजपा सांसद रविंद्र कुशवाहा के पिता एवं तत्कालीन सपा प्रत्याशी व सांसद हरिकेवल कुशवाहा को चुनाव में हराकर तीसरे नंबर पर पहुंचा दिया था चुनाव में मिली हार और राजनीतिक तनाव के कारण 72 वर्ष की अवस्था में उनका अगस्त 2012 में निधन हो गया जिसके बाद हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा के राजनीतिक विरासत को उनके पुत्र रविंद्र कुशवाहा ने भाजपा के साथ आगे बढ़ाया 2014 में बसपा ने रमाशंकर राजभर का टिकट नहीं मिला उसके बाद विद्यार्थी ने सपा का दामन थाम लिया लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के कारण सलेमपुर की सीट बसपा के खाते में चली गई लेकिन रामाशंकर विद्यार्थी ने हार नहीं मानी और बनवास कटा कहते है न कि सबर का फल मीठा होता है जिसके कारण वे दस वर्ष बाद अब चुनाव मैदान में उतरे है वर्तमान सांसद रविंद्र कुशवाहा लगातार दो बार से भाजपा के सांसद थे जबकि उनके पिता हरिकेवल प्रसाद कुशवाहा सन 1989, 1991, 1998 और 2004 में चार बार सांसद थे और समाजवादी नेता के रुप में पूर्वांचल का एक मजबूत चेहरा माने जाते थे जो काम बड़े बड़े सुरमा नही कर पाए वो विद्यार्थी ने कर के दिखाया