कांधला मजदूर बेरोजगार एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद मो.असलम ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जो दल चुनाव के वक्त मुस्लिम हितेषी बनकर मुस्लिम समाज का वोट लेकर वजूद में आते है चुनाव खत्म हो जाने के बाद वही दल मुसलमानो पर हो रहे जुल्म के खिलाफ बोलने की बजाए अपने मुंह में दही जमा कर बैठ जाते है अभी हाल ही में शामली जिले में एक मस्जिद के इमाम का कत्ल हुआ फावड़े से गर्दन को काट दिया गया लेकिन मुस्लिमो का वोट लेने वालो की जबान से एक भी शब्द नही निकला दूसरा मर्डर मुरादाबाद जिले में एक आलिम को गोलियों से भून दिया जाता है लेकिन कोई भी दल इस पर नही बोल पाया है न ही अखिलेश यादव की तरफ से कोई बयान आया ना ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तरफ से कोई बयान आया क्या ये दल सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों का इस्तेमाल करने के लिए मुस्लिम हितेषी बनते हैं क्या इन दलों का मुस्लिम समाज के प्रति कोई दायित्व नहीं है अगर नही है तो मुस्लिम समाज को भी इन सभी दलों का बहिष्कार कर देना चाहिए और अपना वजूद दिखाना चाहिए लेकिन मुस्लिम समाज भी इन दलों के हाथों की कठपुतली बनकर रह गया है अपने अधिकारों के बारे मे लड़ाई लड़ने को तैयार नहीं है जिस तरह से आलिमों के कत्ल हो रहे है वो बहुत ही निंदनीय है इस पर प्रदेश सरकार संज्ञान ले और जो भी आरोपी हो उनको जेल में डाला जाए और उनके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो ताकि उनकी आने वाली नस्लें भी ऐसा करने से घबराए सैय्यद मो.असलम ने कहा कि मुस्लिम समाज को भी एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी और जो भी दल मुस्लिम समाज को सत्ता में हिस्सेदारी दे उसको सपोर्ट करो हिस्सेदारी नही तो वोट नहीं मजदूर बेरोजगार एकता मंच उत्तर प्रदेश सरकार से मांग करता है कि हत्यारों को सख्त से सख्त सजा दी जाए