जिलाधिकारी के अध्यक्षता में कर करेत्तर,राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यो की समीक्षा बैठक संपन्न।*

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सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से भी राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यो की समीक्षा कर दिए आवश्यक निर्देश।निर्विवाद वरासत के मामलों में तय सीमा के उपरांत लंबित प्रकरण पाए जाने पर संबंधित लेखपाल होंगे निलंबित:- जिलाधिकारी। आज जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कर करेत्तर, राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यो की समीक्षा बैठक सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से संपन्न हुई। कर करेत्तर वसूली की समीक्षा के दौरान निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष व्यापार कर में अब तक 70.93 प्रतिशत, स्टैंप रजिस्ट्रेशन में 91.06 प्रतिशत, परिवहन कर में 93.13, आबकारी कर में 81.42, खनन में 93.60, विद्युत देय में 83.58, बैंक  देय में 131.86 प्रतिशत उपलब्धि पाई गई। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्ति हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। भू राजस्व वसूली एवं विविध देयों में सभी तहसीलों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्ति पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने इसमें और वृद्धि करने को कहा। 10 बड़े बकायदाओं से वसूली की समीक्षा के दौरान उन्होंने अमीनवार एवं मदवार पुरानी एवं बड़ी आरसी की तहसील वार नियमित समीक्षा कर वसूली करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़े बकायेदारों के बैंक अकाउंट की जांच करने तथा उनकी अचल संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया अपनाते हुए वसूली करने को कहा।सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से राजस्व कार्यो की समीक्षा के दौरान उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आवेदनों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए जिससे, इन योजनाओं से पात्र लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने समस्त अधिकारियों से सीएम डैशबोर्ड पर दर्शित आंकड़ों की नियमित मॉनीटरिंग कर योजनाओं की प्रगति हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा।इस दौरान निवास, जाति एवं आय प्रमाण पत्रों को समय सीमा के अंदर जारी करने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की विभिन्न धाराओं में लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान उन्होंने एक, तीन एवं पांच वर्ष से ऊपर लंबित समस्त वादों का यथाशीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा निर्विवाद वरासत में लंबित प्रकरणों में जिलाधिकारी ने निर्धारित समय सीमा के उपरांत भी प्रकरण लंबित पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित लेखपालों को निलंबन की चेतावनी दी। उन्होंने इस संबंध में संबंधित उप जिला अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे लेखपालों को चिन्हित कर निलंबित करने के निर्देश दिये। आइजीआरएस के तहत प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने किसी भी शिकायत में डिफाल्टर की स्थिति ना आए, ये सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने शिकायतकर्ता से वार्ता कर फीडबैक अवश्य लेने को कहा।उन्होंने शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने को भी कहा, जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट हो सके। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिला अधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों, अधिशासी अधिकारियों एवं तहसीलदारों को निराश्रित गो आश्रय स्थलों का स्वयं निरीक्षण करने तथा गो आश्रम स्थल पर पर्याप्त मात्रा में भूसा, हरे चारे, पीने का पानी एवं छाया की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।इसके अलावा अवैध अतिक्रमण,अवैध टैक्सी स्टैंड के खिलाफ भी अभियान चलाने के निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। उन्होंने समस्त जनपद स्तरीय अधिकारियों को उनके विभागों में कार्यरत कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर विशेष नजर रखने को कहा एवं किसी भी तरह का भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान में आने पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी अपने कर्मचारियों पर नियंत्रण या किसी भी तरह का भ्रष्टाचार का मामला संज्ञान में आने पर कार्रवाई नहीं करते हैं, ऐसी स्थिति में उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों से संवाद करने, उनकी बातों को सुनने तथा गुण दोष के आधार पर उनकी शिकायतों का निस्तारण करने को कहा। साथ ही अगर किसी गरीब द्वारा सरकारी भूमि का अतिक्रमण किया गया है, ऐसे मामलों में संवेदनशीलता बरतने के भी निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए।इस दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार तथा अन्य संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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