ललितपुर- वीर बुंदेलखंड का प्रसिद्ध तालबेहट के महाराजा मर्दन सिंह का विशाल दुर्ग जिसकी तलहटी में बना ऐतिहासिक मानसरोवर हमेशा ही आकर्षण का केंद्र रहा है भीषण गर्मी होने पर बच्चों के साथ बड़े भी तैराकी का लुत्फ़ उठाते हैं तो उसकी शोभा में चार चाँद लग जाते हैं। इसके लिये बच्चों को वर्ष भर छुट्टियों का इंतजार रहता है। इस विशाल सरोवर पर दुर्ग के अंदर अनेक घाट बने हैं जिसमें मंदिर घाट, गुर्ज घाट और शंकर घाट विशेष रूप से जाने जाते हैं। प्रतिदिन तालाब पर स्नान करने वाले नागरिकों के सहयोग से प्रतिवर्ष गर्मियों की छुट्टियों में सैकड़ों बच्चे तैराकी सीखते हैं। 2-3 वर्ष की आयु में बच्चों को तैराकी करते देखना अचंभित करने वाला होता है। ननिहाल आये बच्चों को यहाँ का मानसरोवर खूब सुहाता है। अहिंसा सेवा संगठन के संस्थापक विशाल जैन पवा कहते हैं की तैराकी स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम व्यायाम कहा जाता है जिसके लिये यह श्रेष्ठ स्थान है। मानसरोवर की साफ सफाई में कुछ नगरवासियों का सराहनीय योगदान है जो इसे तैराकी के लिये उपयुक्त बनाते हैं। पर्यटन के लिये यह बुंदेलखंड का महत्वपूर्ण स्थान और अमूल्य धरोहर है।