जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मानव-गुलदार संघर्ष निवारण के संबंध में बैठक आयोजित 

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 बिजनौर। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन के सभागार में मानव-गुलदार संघर्ष निवारण के संबंध में बैठक आयोजित हुई।जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जिले में जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की निरन्तर रूप से घटनाएं हो रही हैं या जहां गुलदारों की सक्रियता बनी हुई है, वहां वन विभाग विशेष रूप से सतर्कता और सजगता बरते और जनसामान्य को बचाव और सुरक्षा के लिए उपाय बताएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें एवं इसका रोस्टर भी बनायें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार किट की उपलब्धता सुनिश्चित रहे, गुलदारों की सक्रियता क्षेत्रान्तर्गत ग्राम प्रधानों को उपलब्ध करायें। उन्होंने संबंधित को निर्देश दिए कि यदि गुलदार का हमला होता है तो स्वास्थ्य सूरक्षा के लिए तैयार मेडिकल एसओपी के अंतर्गत तत्काल उपचार व्यवस्था सुनिश्चित रहे।उन्होंने प्रभागीय निदेशक वानिकी को निर्देशित करते हुए कहा कि मानव-गुलदार संघर्ष घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में विभाग को हर समय अलर्ट मोड पर रखते हुए प्रशिक्षित वनकर्मियों की क्विक रिस्पांस टीम गठित कर उसे तत्काल मौके पर भेजा जाए। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए गांव और जंगल की सीमा पर सोलर फेंसिंग (तार बाड़) लगाई जाए। उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह देखने में आ रहा है कि जिले के अलग अलग हिस्सों में वन्य जीवों के हमलों को रोकने में निरंतर वन विभाग और अधिक अपनी सक्रियता दिखाये। इसे दृष्टिगत रखते हुए इन घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालीन योजना भी बनाई जाए जिससे घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए की गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में रात्रि के समय प्रकाश की समुचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें।उन्होंने जन मानस के लिए खतरनाक साबित हो रहे गुलदारों को पकडऩे के लिए पिंजरे लगाने और प्रभावित क्षेत्रों में वन कर्मियों की सघन गश्त सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों/मानव वन्यजीव संघर्ष के दृष्टिगत संवेदनशील चिन्हित क्षेत्रों विशेष रूप से जो आबादी से लगे हों, में नियमित रूप से गश्त बढ़ाई जाये। गश्त के दौरान स्थानीय निवासियों से भी नियमित जन संपर्क किया जाये तथा उनको वन्यजीवों से सुरक्षा के उपायों के विषय में जागरूक किया जाये।तदोपरान्त जिलाधिकारी द्वारा जिला वृक्षारोपण समिति की भी समीक्षा की गयी। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण कार्यक्रम शासन के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और वातावरण को स्वच्छ बनाना है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वृक्षारोपण के लिए दिए गए लक्ष्य के सापेक्ष आवश्यकतानुसार शेष रह गयी कार्यवाही को करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि वृक्षारोपण के लिए सॉयल वर्क के साथ-साथ उसकी जिओ ट्रैकिंग भी पूर्व में ही करना सुनिश्चित करें।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनय कुमार सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विजय कुमार गोयल, डीएफओ एवं पंचायत राज सहित अन्य  विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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