सीएम की परिकल्पना को अधिकारियों पलीता
देहरादून। उत्तराखण्ड कोई कुछ भी कर ले न सरकार न सरकारी कर्मचारी और न ही कानून आपका कुछ बिगाड़ सकता है, क्योंकि यहां एक दो नहीं पूरा ही तंत्र भ्रष्ट हो गया है। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि न तो मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार मुक्त राज्य की परिकल्पना सिर्फ परिकल्पना ही बन गयी है। यहां कोई भी किसी से कम नहीं है। कहीं पेड़ काटे जा रहे हैं तो कहीं सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है तो कही अवैध खनन, कही सरकारी जमीनों को खुर्द बुर्द किया जा रहा है तो कही हाउसिंग सोसाईटियों के निर्माण में गड़बड़ झाला। यहां आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं जिसमें सरकारी महकमे से निर्माण के पैसे लेकर मुफ्त का रेत बजरी और पत्थर लगा कर निर्माण किया जा रहा है।हम बात कर रहे हैं ग्राम ठाकुरपुर पोस्ट ऑफिस उमेदपुर में में टॉस नदी के किनारे लगभग 400 मी पुस्ते के निर्माण की। यहां इन दिनों नदी किनारों को कटान से बचाने के लिए पुश्ते का निर्माण हो रहा है । सूत्रों की माने तो पुस्ते का जो बजट है लगभग डेढ़ करोड़ है इसमें पुश्ते पर पत्थर लगाकर उसको तार के जाल से बांधना है। इसके लिए ठैकेदार द्वारा पत्थर बाहर से खरीदा जाना है लेकिन आलम यह है कि पत्थर और पुश्ते में लगने वाला पदार्थ नदी से ही उठाकर लगाया जा रहा है। इससे जहां एक ओर खनन विभाग को राजस्व की चपत लग रही है वहीं ठेकेदार चांदी काट रहा है। बताया जा रहा है कि पूरा पत्थर इसी नदी से लिया जा रहा है दस्तावेजों में यह खरीद का दिखाया जा रहा है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि यह सब विभागीय अधिकारियों की देखरेख में हो रहा है लेकिन इस पर लगाम लगाने वाला कोई नहीं है। इस तरह से ठेकेदार सरकार और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है।