बलरामपुर/जनपद में पिछले कुछ महीनों से पुलिस का रवैया अच्छा नही रहा।फरियादी जनता को छोड़िए पुलिस द्वारा लोगों का मकान कब्जा कराने, जबरदस्ती जमीन कब्जा कर पीड़ित को आत्महत्या के लिए मजबूर करने ,भूमाफिया की आदेश के बाद भी गिरफ्तारी न करने जैसे मामले पुलिस की कार्य शैली से जनपद सुर्खिया बटोर रहा है।यही नहीं सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि भी जनता के साथ खड़े होने में कतराते है।क्योंकि पुलिस का साथ हो तो पांचों उंगलियां घी में रहती है। चार पांच दिन पूर्व न्यायालय में सुरक्षा प्रभारी के रूप में तैनात एक निरीक्षक लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले एक पत्रकार से बिना कारण उलझ गए।पत्रकार की जिला एवं सत्र न्यायालय के गेट पर तलाशी होने के बाद जांच सिपाही ने उन्हें निरीक्षक ओ 0पी 0चौहान सुरक्षा प्रभारी न्यायालय के पास जांच के लिए भेज दिया।पत्रकार अमित कुमार सोसल मीडिया बलरामपुर पोस्ट के रिपोर्टर है।वह अपने साथ आई डी और जो जरूरी सामान था बैग में लिए थे।पत्रकार और सुरक्षा अधिकारी के बीच अचानक तल्खी बढ़ गई और सुरक्षा अधिकारी “रे”, “बे ” के साथ अनाप सनाप भाषा प्रयोग करने लगें ।पत्रकार अमित कुछ समझ ही नही पाया कि इतना गुस्सा होने के पीछे क्या वजह हो गई।फिलहाल वह चुप होकर वहां से निकल लेने में भलाई समझी। विदित हो कि सुरक्षा अधिकारी ओ 0पी 0चौहान जब रेहरा बाजार थाना के प्रभारी थे तो कई मामलों में इन पर पीड़ित की अनदेखी करने और पीड़ित को न्याय न मिलने के कई बार आरोप लगे थे। न्यायालय सुरक्षा प्रभारी द्वारा पत्रकार अमित कुमार के साथ बदसलूकी की घटना से पत्रकारों में गहरा आक्रोश है।मंगलवार को जनपद के पत्रकारों ने वीर विनय चौक से हाथो में स्लोगन लिखे तख्तियां लिए हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर पांच सूत्रीय मांग संबंधी महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।जिलाधिकारी ने जांच कराकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। पत्रकारो ने पुलिस अधीक्षक विकास कुमार से भी मुलाकात की । उन्होंने जल्द से जल्द जांच करवा कर दोषी निरीक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।ज्ञापन देने वाले पत्रकारों में अमित कुमार,योगेंद्र विश्वनाथ त्रिपाठी,दामोदर शुक्ला, विशाल सिंह, दिनेश कुमार, विजय पाल, शाबिर अली,मसूद खान, प्रमोद तिवारी, राहुल रत्न,मिथलेश गौतम, फ़ारूक़ सिद्ददीकि सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे