जीवन की आखिरी सांस तक परेशानियां एवं चुनौतियां हैं- डा संजीव 

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ललितपुर- नेहरू महाविद्यालय, ललितपुर के मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के संयोजक एवं मनोविज्ञान विभाग प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि  प्रतिवर्ष 10 अक्टूबर को पूरे विश्व में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस  मनाया जाता है जिसका उद्देश्य लोगों में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना है साथ ही आम जनमानस को मानसिक रोगों से बचाने के  उपायों पर विचार करना है । विकास की दौड़ एवं प्रतिस्पर्धा के दौर के चलते उपजे तनाव के प्रति चिंता व्यक्त कर उनसे बचने और दूर करने के उपायों के बारे में विचार विमर्श किया जाता है।चूंकि पूरा विश्व मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूक हो रहा है और तनाव से दूर रहने के लिए प्रयास कर रहा है, तो  हम भी यह संकल्प लें कि किसी भी समस्या में अत्यधिक तनाव नहीं लेंगे,आखिरकार तनाव लेने समस्याएं सुलझने के बजाए और अधिक जटि‍ल हो जाती है, तो बेहतर यही है कि उन्हें  धैर्यपूर्वक समझते हुए हल किया जाए। मानसिक स्वास्थ्य संज्ञानात्मक, व्यवहारिक और भावनात्मक कल्याण को प्रदर्शित करता है, जिसमें व्यक्ति  जीवन के सामान्य तनावों का सामना कर सकता है।
तनाव,अवसाद, और चिंता जैसी विकृतिया हमारे  मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं और व्यक्ति की कार्य  क्षमता को बाधित करती हैं।मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्ति को  आत्म कल्याण  के लिए अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है। इस तरह के परिवर्तन में नशीले पदार्थों का सेवन न करना ,  पर्याप्त नींद और संतुलित पौष्टिक आहार शामिल हो सकता है । तनाव, चिंता या अवसादग्रस्तता जैसी स्थितियों वाले लोग विश्राम तकनीकों से लाभान्वित हो सकते हैं, जिसमें गहरी साँस लेना, योग और ध्यान शामिल हैं। एक सामाजिक सहायता नेटवर्क होना, चाहे वह स्व-सहायता समूहों, दोस्तों या परिवार के माध्यम से हो,  मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए  आवश्यक होता है।
 मानसिक स्वास्थ्य को बिलकुल नजरअंदाज  नही करना चाहिए । यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थय  । हमारा मानसिक स्वास्थ्य हमारे लक्ष्य प्राप्ति, हमारे रिश्तों, हमारी सफलता,हमारी खुशी सबको प्रभावित करता है । जीवन है तो परेशानियां भी हैं,और जीवन के आखिरी सांस तक तनाव,परेशानियां उलझने एवं चुनोतियाँ है।   यह सब चलते रहेंगे। मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य पागलपन से नहीं है,बल्कि मानसिक स्वास्थ्य का मतलब है  अपने जीवन में हमेशा एक सकारात्मक दृष्टिकोण रखना और जीवन को बखूबी,  बहुत सुंदर तरीके से जीते चले जाना, सामाजिक संबंधों को निभाते चले जाना और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करते चले जाना।हमें यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि  तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता बल्कि कई अन्य शारीरिक  समस्याएं पैदा होती  है।  तनाव के कारण अत्यधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं  को उत्पन्न करता है। तनाव,स्वभाव को चिड़चिड़ा कर खुशी और मुस्कान को भी छीन लेता है,साथ ही सामाजिक संबंधों को निभाने में कठिनता पैदा करता है इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले कारणों को जीवन से दूर करना  बेहद आवश्यक है।

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