भदोही। डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय में महिला मतदाता जागरूकता अभियान के अंतर्गत भारत की महिला मतदाता : कर्तव्य एवं चुनौतियां विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालय के कला संकाय एवं विज्ञान संकाय के विभिन्न छात्र- छात्राओं ने सक्रिय सहभागिता की। प्रतियोगिता से पूर्व विद्यार्थियों को संबंध करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद परवेज ने मतदाता जागरूकता एवं चुनाव में वोट डालने की महत्ता बतायी। एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण में समाज के हर व्यक्ति को अपना सक्रिय योगदान वोट डालकर करना चाहिए। वोट डालने के लिए मतदाता पहचान पत्र अवश्य बनवाना चाहिए। कहा दिनांक 1 जनवरी 2025 को तक 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाली सभी युवाओं का मतदाता पहचान पत्र बनवाया जा रहा है। मतदाता पहचान पत्र के लिए फार्म 6 बीएलओ के माध्यम से या ऑनलाइन चुनाव आयोग की वेबसाइट से जमा किया जा सकता है।18 वर्ष की आयु के सभी विद्यार्थियों का मतदाता पहचान पत्र बनवाने में महाविद्यालय सक्रिय योगदान दे रहा है। निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों में डॉ माया यादव, डॉ. राजकुमार यादव एंव डॉ. अनुराग सिंह रहे। प्रतियोगिता की संयोजक ऋतिक रंजन सिंह और डॉक्टर अंकित तिवारी ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम स्थान इप्सा बानो, द्वितीय स्थान साक्षी मौर्य और तृतीय स्थान आंचल यादव ने प्राप्त किया। प्राचार्य ने सभी विजेता छात्र-छात्राओं को बधाई और शुभकामनाएं दी।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजकीय महाविद्यालय, भदोही में दिनांक 18.11.2024 को “मिशन शक्ति-फेज-05″ के अंतर्गत ” सुप्रीम कोर्ट के विशाखा गाइडलाइन पर विशेष व्याख्यान” कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय के रूसा भवन में किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद परवेज ने किया. मुख्य वक्ता के रूप में समाजशास्त्र विभाग प्रभारी डॉ सुजीत कुमार सिंह ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी की गई विशाखा गाइडलाइन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की. उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने साल 1997 में कुछ दिशा निर्देश जारी किए थे. सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों को ही ”विशाखा गाइडलाइंस” के नाम से जाना जाता है. इस गाइडलाइंस के तहत महिलाएं तुरंत शिकायत दर्ज करवा सकती हैं. महिला गलत तरीके से छूना या छूने की कोशिश करना, गलत तरीके से देखना या घूरना, यौन संबंध बनाने के लिए कहना, अश्लील टिप्पणी करना, यौन इशारे करना, अश्लील चुटकुले सुनाना या भेजना, पोर्न फिल्में दिखाना ये सभी यौन उत्पीड़न के दायरे में आता है. इस अवसर पर डॉ अनुराग सिंह, डॉ राजकुमार सिंह यादव, डॉ माया यादव, डॉ अनीश कुमार मिश्र आदि प्राध्यापकों नेवी विशाखा गाइडलाइंस पर अपने विचार रखे.