नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद के तत्वाधान में शंभू दयाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजियाबाद ने संविधान दिवस का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ भीमराव अंबेडकर को फूल अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र गाजियाबाद के उप निदेशक श्री देवेंद्र कुमार ने कार्यक्रम की रुपरेखा के विषय में बताते हुए बताया कि सविधान की मांग आजादी के बहुत पहले से आरंभ हो गई थी । 1946 में निर्वाचित सदस्यों द्वारा संविधान सभा का गठन किया गया । संविधान सभा द्वारा कई प्रकार की समितियां गठित की गई जिसमें से एक समिति भीमराव अंबेडकर जी की अध्यक्षता में संविधान के मसौदे को तैयार करने के लिए बनाई गई । 26 नवंबर 1949 संविधान सभा द्वारा संविधान को आत्मसात किया गया तथा 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया । इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रोफेसर जयकुमार सरोहा पॉलिटिकल साइंस ने बारीकी से संविधान के इतिहास एवं उसकी संरचना तथा विभिन्न देशों से ग्रहण किए गए प्रावधानों की विस्तार से चर्चा की। यह एक लीगल दस्तावेज है जिसमें डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने भविष्य में होने वाले विभिन्न संशोधनों का प्रावधान रखा था इस प्रकार हमारा संविधान एक लचीला संविधान है। डॉक्टर रोशना मित्तल पॉलीटिकल साइंस एसडी पीजी कॉलेज ने संविधान मैं नागरिकों के मूल अधिकार एवं कर्तव्यों के विषय में जानकारी दी तथा संविधान की शपथ दिलाई और बताया कि सभी देशवासियों को संविधान को पढ़ना चाहिए और उसको अपनाना चाहिए। संविधान पर चर्चा करते हुए डॉक्टर राजनारायण शुक्ला प्रोफेसर अनिल कुमार तथा डॉक्टर प्रियंका गंगवार ने भी अपने विचार व्यक्त किए । कुछ छात्रों जिसमे सफलता मानसी और हिमानी हर्षवर्धन एवं ब्रज कुमार छात्रों ने भी संविधान पर अपने विचार व्यक्त किए । कार्यक्रम के समापन पर अभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह देखकर तथाअपने विचार रखने वाले सभी छात्रों को प्रमाण पत्र एवं मैडल देकर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम के अंत में छात्रों ने एक रैली का आयोजन किया जिसमें ‘ मेरा संविधान मेरा अभिमान’ जैसे नारों के साथ को जागरूक किया गया । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर प्रियंका गंगवार ने किया तथा इसमें 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया । कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक तालिब ने भी अपना सहयोग प्रदान किया।