कलैक्ट्रेट राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए समन्वय बैठक संपन्न

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अलीगढ़ /14 दिसम्बर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिकाधिक वाद निस्तारण कराए जाने के लिए सचिव विधिक सेवा प्राधिकरण, अपर जिला जज नितिन श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कलैक्ट्रेट सभागार में विभागीय समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस दौरान डीएलएसए सचिव नितिन श्रीवास्तव ने अधिकारियों को प्रीलिटिगेशन के दायरे में आने वाली समस्याओं व शिकायतांे के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में सचिव डीएलएसए ने बताया कि ऐसी शिकायतें व समस्याएं जिनका निस्तारण विभागीय स्तर पर किया जा सकता है परन्तु किन्हीं कारणोंवश समस्याओं का समाधान न होने के कारण व्यक्ति न्यायालय में वाद दायर कर देता है, ऐसे मामले प्रीलिटिगेशन के दायरे में आते हैं। हम सभी का प्रयास है कि इस प्रकार की सभी शिकायतों व समस्याआंे का समाधान राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हो जिससे न्यायालयों पर अनावश्यक भार न पड़े। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा बड़ी ही तत्परता एवं मेहनत के साथ जनहित की समस्याओं व शिकायतों का निस्तारण कराया जाता है, परन्तु कई बार समुचित अभिलेखीकरण न होने से कार्य परिलक्षित नहीं हो पाता है। उन्होंने एडीएम न्याायिक अखिलेश कुमार को निर्देशित किया कि विभागीय अधिकारियों से समुचित अभिलेखीकरण कराना सुनिशित करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने-अपने विभागों से ज्यादा से ज्यादा मामले चिन्हित करें और चिन्हित किये जाने वाले मामलों की सूची अविलंब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को उपलब्ध करायें। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कराने के निर्देश दिए ताकि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर विभिन्न न्यायालय व विभागो में लंबित अपने-अपने वादों का निस्तारण करा सकें। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय, बाह्य स्थित न्यायालयों में एवं तहसील स्तर पर किया जाना है। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों एवं विभागों में लम्बित विभिन्न प्रकृति के मामलों- फौजदारी के शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद, श्रम वाद, विद्युत अधिनियम एवं जलकर से सम्बन्धित वाद, पारिवारिक एवं वैवाहिक वाद, भूमि अर्जन वाद, सेवा सम्बन्धित वाद अन्य दीवानी वाद, अन्य प्रकृति के बाद जो न्यायालयों में छोटे-छाटे प्रकृति के मामले लम्बित हों, के अतिरिक्त पारिवारिक, वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन मामलों और प्रीलिटिगेशन स्तर पर विभिन्न बैंको, वित्तीय संस्थाओं एवं विभागों में लम्बित मामलों का निस्तारण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया जाएगा। एडीएम न्यायिक अखिलेश कुमार ने 14 दिसंबंर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत की सफलता के लिए उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपने विभाग से संबंधित संशोधित आंकड़े 10 दिसंबंर से पूर्व कलैक्ट्रेट स्थित कमरा नंबर 21 आरआरके पटल सहायक सुरेश चन्द्र को उपलब्ध करा दें।


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