गाजियाबाद। दुर्गावती देवी सभागार, विकास भवन में जिलाधिकारी श्री इन्द्र विक्रम के निर्देशन पर मुख्य विकास अधिकारी श्री अभिनव गोपाल की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक आहूत हुई।
श्रीमती शशि वार्ष्णेय, जिला कार्यक्रम अधिकारी तथा श्रीमती गरिमा सिंह, मण्डल समन्वयक, मेरठ मण्डल, मेरठ द्वारा बैठक का संचालन किया गया। जिसमें पी0पी0टी0 के माध्यम से विगत माह के जिला पोषण समिति की बैठक में दिये गये निर्देश के क्रम में अनुपालन से अवगत कराया गया। बैठक के दौरान पोषण ट्रैकर एप पर वजन/लम्बाई एवं ऊचाई फिंडीग की समीक्षा की गयी, जिसमें बताया गया कि बाल विकास परियोजना शहर, गाजियाबाद फिडिंग सबसे कम 96.37 प्रतिशत शहर गाजियाबाद के द्वारा की गयी, जिसके लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिये गये की ससमय फिंडिग का कार्य पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाएं। पोषाहार वितरण के सम्बन्ध में बताया कि तृतीय त्रैमास का पोषाहार प्राप्त नहीं हुआ है जिस कारण वितरण नहीं किया जा सका है। सैम बच्चों के प्रबन्धन की समीक्षा में पाया गया कि पोषण ट्रैकर एप पर आंगनबाडी कार्यकत्री के द्वारा कुल 537 सैम बच्चों का चिन्हांकन किया गया है, जिसमें से ए0एन0एम0 व सी0एच0ओ0 के द्वारा स्क्रीनिगं में कुल 15 बच्चो को ही सैम चिन्हित किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी महोदय द्वारा उक्त के सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया गया कि समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारियो तथा बाल विकास परियोजना अधिकारियो का सम्न्वय स्थापित कर सैम बच्चो की सूची प्रतिमाह तैयार कर बच्चो को लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित करे। हॉट कुक्ड फूड योजना की समीक्षा में पाया गया है कि कुछ आंगनबाडी केन्द्रो पर गर्म खाना विररित नहीं किया जा रहा है। जिसके सम्बन्ध में जिला कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा बताया गया कि ग्रामीण परियोजनाओं में कुछ केन्द्रों पर राशन खत्म होने के कारण वितरण नहीं किया जा रहा तथा उक्त केन्द्रों पर शहरी परियोजना के ऐसे केन्द्र जिनमें बर्तन न होने के कारण राशन अवशेष है उन केन्द्रों का राशन ग्रामीण परियोजनाओं में समायोजित किया जाना है।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रतिमाह एन0आर0सी0 में 100 प्रतिशत बेड ऑक्यूपेंसी होनी चाहिए। उन्होने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि वह अपने अधीनस्थ अधिकारी/कर्मचारियों के कार्यों की मॉनीटरिंग करना सुनिश्चित करें। साथ ही हर माह उन्हें योजनाओं के सम्बंध में पूर्ण जानकारी प्रदान कराते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करायें जिससे कि वे समयान्तराल में अपना कार्य शत—प्रतिशत पूर्ण कर सके। इसके साथ ही जिला स्तरीय बैठक से पूर्व दो बार उनके कार्यों की समीक्षा करना सुनिश्चित करें जिससे कि कार्यो में और बेहतर तरीके से सुधार किया जा सके। यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा केन्द्र या राज्य सरकार की योजनाओं के विपरीत कार्य किया जा रहा है या असंवेदनशीलता बरती जा रही है तो उसके खिलाफ त्वरित विभागीय कार्यवाही की जाएं, साथ ही उसे कारण बतायों नोटिस भी दिया जाएं। सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वे अपने विभाग से सम्बंधित योजनाओं का प्रचार—प्रसार करते हुए उन्हें शत—प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचायें। बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए माननीय मुख्यमंत्री द्वारा अनेक योजनाऐं चलाई गये है। जिनका धरातल पर शत—प्रतिशत कार्य होना चाहिए, बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार की असंवदेनशीलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी, चिकित्साधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।