बलिया/विशेष सचिव उ0प्र0 समाज कल्याण अनुभाग-3, शासनादेश 2 दिसम्बर 2024 द्वारा मा.प्रमुख सचिव समाज कल्याण अनुभाग-3, शासनादेश 3 नवम्बर 2021 द्वारा दिये गये दिशा दिर्नेश का कड़ाई से अनुपालन करने का निर्देश दिया गया है का अनुपालन कराने की मांग को लेकर आल गोंडवाना स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (आगसा) के नेतृत्व में बलिया सदर माॅडल तहसील पर आदिवासी जनजाति गोंड समुदाय के छात्र नौजवानों का जाति प्रमाण-पत्र निर्गत होने तक अनिश्चितकालीन धरना 4 फरवरी 2025 को 9वें दिन भी जारी रहा। धरनारत लोगों ने कहा कि उ0प्र0 शासन द्वारा गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु बार-बार शासनादेश भेजा जाता है जो जिला व तहसील पर आते- आते शून्य हो जाता है गोंड जाति प्रमाण पत्र के लिये ऑनलाईन आवेदन करने पर हर बार आवेदन अस्वीकृत कर दिया जा रहा है! लेखपाल व तहसीलदार भारत के राजपत्र संविधान शासनादेश का घोर अवमानना कर रहे हैं अब ऐसी स्थिति में निर्णायक संघर्ष के अलावा दूसरा रास्ता नहीं बचता है ऑल गोंडवाना स्टूडेन्ट्स एसोसिएशन (आगसा) के अध्यक्ष मनोज शाह ने कहा कि साल के प्रथम सम्पूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को शासनादेश के अनुपालन में गोंड जाति प्रमाण-पत्र सुगमतापूर्वक निर्गत करने सम्बन्धित पत्रक सौंपा गया था जिसके परिप्रेक्ष्य में सदर तहसील द्वारा आनलाईन लिखित रूप से अवगत कराया गया है कि पात्र लोगों को गोंड अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है जबकि वास्तविकता यह है कि जाति प्रमाण-पत्र हेतु जब गोंड छात्र नौजवान ऑनलाईन आवेदन करते हैं तो बलिया सदर तहसीलदार द्वारा ऑनलाईन आवेदन अस्वीकृत/ निरस्त कर दिया जा रहा है शासनादेश की अवमानना करते हुए परेशान व उत्पीड़न किया जा रहा है और जिला प्रशासन इन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के बजाय मुकदर्शक की भूमिका में खड़ा नजर आता है कुंवर सिंह महाविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री गोंड छात्र ने कहा कि हमारे भविष्य से खिलवाड़ करना बंद करे तहसील प्रशासन तत्काल गोंड जाति प्रमाण पत्र जारी करना प्रारम्भ नहीं हुआ तो आंदोलन को और भी तेज किया जाएगा! धरना में प्रमुख रूप से मनोज शाह,सुरेश शाह,सुमेर गोंड,सूचित गोंड,बच्चालाल गोंड, विक्रम गोंड, सुदेश कुमार मंडावी,श्रीपति गोंड, धनंजय गोंड,भरत गोंड, सिकन्दर गोंड,अजय कुमार,नवीन कुमार गोंड, प्रदुमन कुमार, रामनारायन गोंड,धर्मदेव गोंड श्रीभगवान गोंड, रघुनाथ गोंड भी रहे