करोड़ों स्नानार्थियों के साथ साधू संत शंकराचार्य ने प्रदूषित जल में स्नान किया-विनय कुशवाहा

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प्रयागराज। अचानक से देश के एक प्रतिष्ठित अखबार में दिल्ली से मुख्य पृष्ठ पर खबर छपती है। कि संगम का पानी नहाने योग्य नही है।जिसमें मल व कोलीफार्म की मात्रा पाई गई गंगा जमुना के पानी की गुणवत्ता बेहद खराब पायीं गई जो नहाने योग्य नही है। तो आचमन की बात ही दूर है।उक्त बाते सांसद उज्जवल रमण सिंह प्रतिनिधि विनय कुशवाहा ने बताया कि केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक रिपोर्ट में बताया गया अगर रिपोर्ट सच है तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि कितने महान साधू संत शंकराचार्य के साथ आस्था के नाम पर पचासों करोड़ लोगों को प्रदूषित जल में स्नान कराया गया।प्रतिनिधि ने कहा कि और अगर यह भीड़ को कंट्रोल करने की कोई प्लानिंग के तहत खबर छपी हैं तो भी गलत बात है।क्योंकि एक दिन में तो मां गंगा जी का जल खराब नही हो जायेगा।सांसद प्रतिनिधि ने कहा कि यमुनापार के किसानों के लगातार फोन आ रहे हैं कि इस समय फसलों को यूरिया कि जरूरत है जो सम्पूर्ण जमुनापार से गायब हैं किसी भी सोसायटी पर यूरिया नही किसान दूगने दाम पर यूरिया खरीदने को मजबूर है।उन्होंने कहा कि अधिकारियों से वार्ता करने पर पता चला कि जाम से रास्ता बंद और बड़े वाहनों के रोक की वजह से आपूर्ति ठप हैं सब परेशान हैं इस महाकुम्भ की अव्यवस्था से चाहे किसान हो मरीज हो या छात्र।सभी परेशान नजर आ रहे।

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