घोसी,मऊ। रंगों के इस त्योहार पर घोसी ने एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। हर साल की तरह इस बार भी हर घोसी संघर्ष समिति की ओर से फूलों की होली का आयोजन किया गया जिसमें हिंदू और मुस्लिम समाज के लोगों ने एक साथ शिरकत कर आपसी एकता और भाईचारे का संदेश दिया। नगर के पकड़ी मोड़ से मझवारा मोड़ तक निकाले गए इस भव्य जुलूस में लोगों ने एक-दूसरे पर फूल बरसाए। होली के पारंपरिक गीत गाए गए जिससे पूरा माहौल उल्लास और सौहार्द से भर उठा। इस दौरान सड़कों पर रंग-बिरंगे फूलों की वर्षा होती रही और हर कोई इस अनूठी होली का आनंद लेता नजर आया। घोसी संघर्ष समिति के अध्यक्ष अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसका मकसद समाज में प्रेम, भाईचारा और सौहार्द को बढ़ावा देना है। इस आयोजन में हर धर्म और वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं जिससे यह सिर्फ एक त्योहार नही बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया है। नगर अध्यक्ष खुर्शीद खान ने फूलों की होली को आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक बताते हुए कहा घोसी की यह अनूठी परंपरा सिर्फ रंगों का उत्सव नहीं बल्कि हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल है। हर साल यह आयोजन समाज में प्रेम और शांति का संदेश देता है। हमारी गंगा-जमुनी तहजीब को संजोए रखने के लिए ऐसे आयोजनों की अहम भूमिका है। नगर के विभिन्न समुदायों के लोगों ने भी इस पहल की सराहना की और इसे धर्म और जाति से ऊपर उठकर एकता को मजबूत करने वाला आयोजन बताया। फूलों की होली न सिर्फ रंगों की बौछार करती है बल्कि दिलों को भी जोड़ने का काम करती है। इस अवसर पर नगर पंचायत अध्यक्ष मुन्ना गुप्ता, जियाउद्दीन खान, डा. दिलनवाज अहमद, डा.राजीव वर्मा, राजेश जायसवाल, इंतेखाब आलम, जाने आलम उर्फ गुड्डू भाई, वसीउल्लाह अंसारी, शेख हिसामुद्दीन, अबरार घोसवी, चन्द्रशेखर, सभासद नेहाल अख्तर सहित बड़ी संख्या में हिन्दू-मुस्लिम मौजूद रहे।