प्रयागराज।उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी महापौर द्वारा आगामी दिनों में आयोजित होने वाले दाधिकान्दों मेला सलोरी एवं सुलेम सरांय के दृष्टिगत चौकी मार्ग का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय दीपेन्द्र यादव राजीव शुक्ला अपर नगर आयुक्त अनिल मौर्या नगर अभियन्ता आर के लाल अधिशाषी अभियन्ता विधुत डम्बर सिंह सहायक अभियन्ता रामपूजन श्रीवास्तव नवनीत संख्यवार जोनल अधिकारी जोन-3 व 6 व क्षेत्रीय पार्षद राजू शुक्ला ज्ञानेश्वर पाण्डेय शिव भारती दीपक कुशवाहा दीपिका पटेल कंचन शुक्ला अध्यक्ष सलोरी दाधिकान्दों कमेटी राकेश जैन संरक्षक पियुष केसरवानी अध्यक्ष सुलेम सरांय दाधिकान्दो मेला कमेटी आदि उपस्थित रहे।सर्वप्रथम सलोरी मेला मार्ग का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान मेले की सारी व्यवस्था दुरूस्त पायी गयी।मेला कमेटी के पदाधिकारियों द्वारा मार्ग पर कुछ स्थानों पर मलवे के निस्तारण तथा कतिपय स्थानों पर अस्थाई मार्ग प्रकाश व्यवस्था की मांग की गयी। इसके अतिरिक्त मेला मार्ग पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण द्वारा कराये गये कार्यो के सम्बन्ध में शिकायत की गयी बताया गया कि मेला मार्ग पर प्राधिकरण द्वारा जो भी कार्य किये गये है वह अधूरे है जिससे दुर्घटना हो सकती है।मार्ग प्रकाश हेतु लगाये जाने वाले पोल भी पूरी तरह से नहीं लगाये गये है तथा तार खुले छोड़े गये है।महापौर द्वारा तत्काल दूरभाष पर सचिव विकास प्राधिकरण से बात कर मेले से पूर्व सभी कार्य पूर्ण कराने के आदेश दिये गये।
सुलेम सरांय मेला मार्ग चौफटका से मन्दर मोड़ तक का निरीक्षण किया गया।ठाकुर द्वारा पर स्थित मेला पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि पूरे मेला मार्ग व लिंक रोडो पर कतिपय स्थानों पर पैच वर्क तथा पेड़ कटाई का कार्य होना है जैसे महिला ग्राम से ताड़बाग गल्ला मंडी व अन्य स्थानों पर। अस्थाई शौचालय मार्ग प्रकाश व पेयजल की व्यवस्था की मांग की गयी।महापौर द्वारा उपरोक्त से सम्बन्धित उपस्थित सभी अधिकारी को निर्देश दिये गये कि उपरोक्त दोनों स्थानों पर मेले के पूर्व यात्रा मार्गो पर लटके तारों को ऊॅचा करने का कार्य, मार्गो पर समुचित सफाई, मलवा/कूड़ा निस्तारण कीट नाशक का छिड़काव लीकेज सीवर के टूटे ढक्कनों को बदलने का कार्य पैच वर्क चोक सीवर/नालियों की सफाई तथा समुचित मार्ग प्रकाश की व्यवस्था आवारा पशुओं के पकड़ने का कार्य अस्थाई शौचालय व पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय जिससे किसी प्रकार की असुविधा न हो।