दुल्लहपुर (गाज़ीपुर)। “सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है।”
देशभक्ति की इन्हीं भावनाओं के बीच बुधवार को दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के धामूपुर गांव स्थित शहीद पार्क में परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद का 60वां शहादत दिवस अद्वितीय श्रद्धा और भव्यता के साथ मनाया गया। यह आयोजन केवल एक रस्म नहीं बल्कि शहीद के अदम्य साहस और बलिदान को पीढ़ियों तक याद रखने का संकल्प बना।
तिरंगा यात्रा से गूंज उठा इलाका
सुबह 8 बजे उपजिलाधिकारी अतुल कुमार, सीओ चोब सिंह, बीडीओ भीमराव प्रसाद, समाजसेवी निजामुद्दीन सिद्दीकी और आयोजक परवेज अहमद की अगुवाई में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। सैकड़ों बाइक सवार युवाओं ने हाथों में तिरंगे के साथ “भारत माता की जय” और “वीर अब्दुल हमीद अमर रहें” के नारों से वातावरण को गुंजायमान कर दिया।
तिरंगा यात्रा दुल्लहपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंची, जहां शहीद की शिला पट्टिका पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। इसके बाद यात्रा देवा, अमारी, झोटारी गांवों से होते हुए शहीद पार्क में पहुंची। वहां वीर अब्दुल हमीद की प्रतिमा पर पुष्पचक्र अर्पित कर हजारों लोगों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से बंधा समा
शहीद पार्क में आयोजित सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी भव्य बना दिया। अर्श पब्लिक स्कूल दुल्लहपुर, मां शारदा चिल्ड्रेन इंटर कॉलेज जलालाबाद, जवाहर नवोदय विद्यालय गाज़ीपुर और किंग डांस एकेडमी नंदगंज के छात्र-छात्राओं ने राष्ट्रभक्ति गीत, नृत्य और नाट्य मंचन से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
करीब चार घंटे तक चले इन कार्यक्रमों में तिरंगे का गौरव, शहीदों का पराक्रम और भारत माता के प्रति श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला। हजारों की भीड़ ने तालियों और जयघोष से बच्चों का हौसला बढ़ाया।
मुख्य अतिथि का संबोधन और युवाओं का उत्साह
करीब 1:30 बजे आज़मगढ़ सांसद धर्मेंद्र यादव मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। युवाओं का उत्साह इतना प्रबल था कि मंच तक पहुंचने में उन्हें धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा। अपने संबोधन में उन्होंने कहा— “मैं शहीद अब्दुल हमीद की धरती पर आकर धन्य महसूस कर रहा हूं। शहीदों की शहादत कभी व्यर्थ नहीं जाती। सपा की सरकार बनी तो अग्निवीर योजना समाप्त होगी और युवाओं को न्याय मिलेगा।”
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि शहीद के नाम से दुल्लहपुर से एक ट्रेन चलाने की मांग को संसद में उठाया जाएगा।
विशिष्ट अतिथियों के विचार
पूर्व मंत्री शादाब फातिमा ने कहा कि 1965 के युद्ध में शहीद अब्दुल हमीद ने पाक-अमेरिकी मंसूबों को ध्वस्त कर दिया था। विधायक जै किशन साहू ने गाज़ीपुर को शहीदों की धरती बताते हुए कहा कि यहां के पराक्रम को विश्व पटल पर सुनहरे अक्षरों में लिखा जाता है।
एमएलसी गुड्डू जमाली ने युवाओं से नफरत और जातिवाद की राजनीति से दूर रहकर शहीद से प्रेरणा लेने की अपील की। स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि युवाओं को शिक्षा, खेल और राष्ट्रसेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए।
शहीद परिवार का सम्मान और भावनात्मक क्षण
कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत और सम्मान शहीद के बड़े पुत्र जैनुल अहमद ने अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक त्रिवेणी राम, लालजी यादव प्रबंधक, सपा नेता मनीष साहू, विजय बहादुर यादव, प्रदेश सचिव कैप्टन जयवीर यादव, प्रबंधक बृजेश कुशवाहा, केशव यादव, गरीब राम संतोष यादव राम नगीना यादव नंदलाल यादव अवधेश यादव संतोष यादव सांसद प्रतिनिधि बलराम पटेल समेत हजारों की भीड़ मौजूद रही।
यह क्षण भावनात्मक हो उठा जब मंच से शहीद के बलिदान का स्मरण करते हुए लोगों ने खड़े होकर तालियों और नारों से वीरता को नमन किया।
शहीद का संदेश, पीढ़ियों तक प्रेरणा
शहीद वीर अब्दुल हमीद ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाते हुए दुश्मन के पैटन टैंकों को नष्ट कर पाकिस्तान की कमर तोड़ दी थी। उनके पराक्रम ने न केवल पाकिस्तान बल्कि अमेरिका की साजिश को भी ध्वस्त कर दिया था। उनकी शहादत ने गाज़ीपुर को शौर्य की धरती के रूप में स्थापित किया।
शहादत दिवस का यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि देने का अवसर नहीं था, बल्कि यह संदेश भी था कि शहीदों की शहादत से प्रेरणा लेकर ही राष्ट्र आगे बढ़ सकता है।
60वें शहादत दिवस का यह भव्य आयोजन इस बात की गवाही देता है कि वीर अब्दुल हमीद का नाम और उनका बलिदान सदियों तक युवाओं के लिए देशभक्ति और सरहद की हिफ़ाज़त का प्रेरक मंत्र बना रहेगा। अंत में शहीद के बड़े पुत्र जैनुल हसन, आयोजक परवेज अहमद, समाजसेवी निजामुद्दीन सिद्धकी, संजीत प्रजापति ने आए हुए लोगों का आभार जताया।