गजेंद्र चौहान ने बताया कि आज तकनीक के युग में रामलीला अधिक जीवंत हो गई है और इसे पहले से ज्यादा पसंद किया जाने लगा है। उन्होंने बताया कि इस बार की रामलीला में कई किरदार पुराने हैं तो कई नए कलाकार भी शामिल किए गए हैं। वहीं, इस साल रामलीला को 40 करोड़ लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
हिमवंत जिमि गिरिजा महेसहि हरिहि श्री सागर दई।
तिमि जनक रामहि सिय समरपी बिस्व कल कीरति नई॥
जैसे हिमवान ने शिवजी को पार्वतीजी और सागर ने भगवान विष्णु को लक्ष्मीजी दी थीं, वैसे ही जनकजी ने श्री रामचंद्रजी को सीताजी समर्पित कीं, जिससे विश्व में सुंदर नवीन कीर्ति छा गई। मिथिला के राजा जनक द्वारा सीताजी का हाथ श्रीराम को देने का यह मनोहारी दृश्य अयोध्या की रामलीला में इस बार फिर जीवंत होगा। महाराजा जनक की भूमिका में महाभारत के धर्मराज यानी डीएलसी सुपवा के कुलपति (वीसी) गजेंद्र चौहान होंगे। रामलीला का मंचन 14 से 24 अक्तूबर तक राम कथा पार्क, नया घाट अयोध्या में किया जाएगा। तकनीक की मदद से इस रामलीला को 40 करोड़ लोगों को दिखाने का लक्ष्य रखा गया है।