यह कार्यक्रम अनुसंधान एवं विकास समिति के नेतृत्व में आयोजित हुआ और इसमें विभिन्न विभागों के 48 संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. सत्य प्रकाश यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (SCEST), बेनेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा ने भाग लिया। डॉ. यादव, जो अनुसंधान और अकादमिक लेखन में व्यापक अनुभव रखते हैं, ने शोध लेखों की गुणवत्ता बढ़ाने और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशन की सफलता दर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं।कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के इंग्लिश लैब में दोपहर 2:00 बजे से किया गया। इस सत्र ने संकाय सदस्यों को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जहाँ उन्होंने प्रश्न पूछे, संदेह दूर किए और अपने शोध लेखन कौशल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. यादव ने संरचित लेखन, नैतिक शोध प्रथाओं और प्रभावशाली प्रकाशनों के लिए सही पत्रिकाओं के चयन के महत्व पर विशेष बल दिया।इस सत्र को प्रतिभागियों ने अत्यंत सराहा और यह कार्यक्रम सभी को प्रेरित कर गया। संकाय सदस्य स्वयं को संस्थान की शोध पारिस्थितिकी तंत्र में और अधिक योगदान देने के लिए तैयार और सक्षम महसूस कर रहे हैं।हाई-टेक इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी द्वारा “अनुसंधान संगोष्ठी एवं लेख लेखन” पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन 14 दिसंबर 2024 को किया गया। यह कार्यक्रम अनुसंधान एवं विकास समिति के नेतृत्व में आयोजित हुआ और इसमें विभिन्न विभागों के 48 संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. सत्य प्रकाश यादव, एसोसिएट प्रोफेसर, स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (SCEST), बेनेट यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा ने भाग लिया। डॉ. यादव, जो अनुसंधान और अकादमिक लेखन में व्यापक अनुभव रखते हैं, ने शोध लेखों की गुणवत्ता बढ़ाने और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशन की सफलता दर को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं।कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के इंग्लिश लैब में दोपहर 2:00 बजे से किया गया। इस सत्र ने संकाय सदस्यों को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया, जहाँ उन्होंने प्रश्न पूछे, संदेह दूर किए और अपने शोध लेखन कौशल को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया। डॉ. यादव ने संरचित लेखन, नैतिक शोध प्रथाओं और प्रभावशाली प्रकाशनों के लिए सही पत्रिकाओं के चयन के महत्व पर विशेष बल दिया। इस सत्र को प्रतिभागियों ने अत्यंत सराहा और यह कार्यक्रम सभी को प्रेरित कर गया। संकाय सदस्य स्वयं को संस्थान की शोध पारिस्थितिकी तंत्र में और अधिक योगदान देने के लिए तैयार और सक्षम महसूस कर रहे हैं।