मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ बोले

Share

मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने अंतरराष्ट्रीय कानून सम्मलेन 2023 उद्धाटन के दौरान मॉरीशस और भूटान में बनी सुप्रीम कोर्ट की इमारतों में भारत के सहयोग का भी जिक्र किया।

अंतरराष्ट्रीय कानून सम्मेलन 2023 के उद्धाटन समारोह में भारत सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पहुंचे। शनिवार को कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने मॉरीशस और भूटान में सुप्रीम कोर्ट की इमारतों को खड़ा करने में भारत की मदद का भी जिक्र किया।

संबोधन के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, हम में से प्रत्येक के पास अलग-अलग दृष्टिकोण, न्याय क्षेत्र और सबसे खास एक-दूसरे से सीखने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने कहा, यह सोचना यूटोपियन है कि एक दिन ऐसा आएगा जब हमें सही समाधान मिलेंगे और न्याय वितरण में कोई चुनौती नहीं होगी।
हालांकि, एक ऐसी दुनिया की आकांक्षा करना यूटोपियन नहीं है, जहां राष्ट्र, संस्थान और सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति शामिल होने के लिए खुले हों।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “ज्ञान साझा करना दोतरफा रास्ता है। सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बातचीत और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करना है। कानूनी मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझ को मजबूत करता हैं।

तुषार मेहता बोले, हर दस्तावेज का डिजिटल प्रारुप उपलब्ध है
समारोह में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, भारत दुनिया का वर्तमान और भविष्य है। भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, भारत विदेशी निवेश को आकर्षित कर रहा है। भारत डिजिटल भुगतान के मामले में दुनिया में आगे हैं। डिजिटलीकरण के कारण वादकारियों को उनके दरवाजे तक न्याय मिल रहा है।

मेहता ने कहा, देश में 21,000 जिला अदालतें, 25 उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय हैं। अब हर अदालत का हर दस्तावेज डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध है। जिसे कोई भी एक्सेस कर सकता है। इसे ‘चमत्कार’ बताते हुए उन्होंने कहा, यह डिजिटलीकरण के कारण ही संभव हो सका है।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *