वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान की रिपोर्ट में इस बात का प्रमुखता से जिक्र किया गया है कि जोशीमठ की मिट्टी का ढांचा बोल्डर, बजरी और मिट्टी का एक जटिल मिश्रण है। यहां बोल्डर भी ग्लेशियर से लाई गई बजरी और मिट्टी से बने हैं, इनमें ज्वाइंट प्लेन हैं, जो इनके खिसकने का एक बड़ा कारण हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी मिट्टी में आंतरिक क्षरण के कारण संपूर्ण संरचना में अस्थिरता आ जाती है। इसके बाद पुन: समायोजन होता है, जिसके परिणामस्वरूप बोल्डर धंस रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि धंसाव का मुख्य कारण आंतरिक क्षरण ही प्रतीत होता है यहां जोशीमठ के विस्तार के साथ ही ऊपर से बहने वाले प्राकृतिक नाले का बहाव बाधित हुआ