गुजर न जाए कहीं उम्र इन अंधेरों में, जला के दिल ही सही कुछ तो रौशनी कर ली: तौसीफ कैसीयस

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भदोही। नगर के मोहल्ला सिविल लाइन जलालपुर मस्जिद के पास शनिवार की रात बज़्में अहले कलम की तरफ से मशहूर शायर जनाब अशअर रामनगरी की याद में एक मुशायरा व कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसकी सदारत उस्ताद शायर साबिर जौहरी व निजामत रईस अंसारी ने किया। महफिल का आगाज तिलावते कुरआन से हाफिज हुसैन शाह ने किया। उसके बाद शोअरा ने अपने कलाम सुनाए।
इस अवसर पर हामिद भदोहवी ने पढ़ा गमें जिंदगी की दवा चाहता हूं, मदीने की आबो हवा चाहता हूं।
आसिफ अख़्तर ने सुनाया ये दिल उदास है पल भर को आ जाओ तुम, करीब आके गले से मुझे लगाओ तुम। जव्वाद जौनपुरी ने पढ़ा कि मुझे छोड़ जाने वाले तुझे ये पता नहीं, तू जुदा हुआ है लेकिन तेरा गम जुदा नहीं। तौसीफ कैसीयस ने सुनाया। गुजर न जाए कहीं उम्र इन अंधेरों में, जला के दिल ही सही कुछ तो रोशनी कर ली। जावेद आसिम ने कहा हमने अपना कहा था अफसाना, सबने समझा मेरी कहानी है। फैजान वाहिदी ने सुनाया तेरे आने की अगर हमको खबर हो जाए, गुंचओ गुल तेरी राह में बिछाने लग जाए। रईस अंसारी ने पढ़ा हाकिमे वक़्त ये बता, कब तक
बेगुनाहों के घर को तोड़ेगा। शब्बीर जौनपुरी ने कहा
कुएं क़ातिल से पुकारे तो सभी जाएंगे, ज़ुल्म ही हद से गुजारे तो सभी जाएंगे। वहीं साबिर जौहरी ने सुनाया
अजब मिजाज का ये शहर है यहां के लोग, बुतों के कदमों में बरगे गुलाब रखते है। मुशायरा व कवि सम्मेलन रात 9 बजे शुरू हुई और एक बजे खत्म हुई।
इस मौके पर जावेद अंसारी,असलम अली शाह,सगीर शाह, सोनू अंसारी, राजा हाशमी, सलमान अंसारी, मोहसिन अंसारी, पिंटू शाह, आसिफ अंसारी, राजू अंसारी, शर्फुद्दीन अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।

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