सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच कन्नौज लोक सभा में चुनावी हलचलें हुई तेज 

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एक तरफ मोदी की गारंटी तो दूसरी तरफ अखिलेश का काम बोलता ,  दोनों के बीच  होगा घमासान
रसूलाबाद कानपुर देहात । कन्नौज लोकसभा सीट से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की अटकलों के चलते इस सीट पर चुनावी हलचलें तेज हो गयी है भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक पर ही पुनः विश्वास कर उन्हें प्रत्याशी बनाया है सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव यहां से चुनाव लड़े तो तय है कि इस सीट का चुनाव बड़ा ही रोमांचक होगा ।भाजपा मोदी की गारंटी को लेकर चुनाव मैदान में उतरेगी तो समाजवादी पार्टी सपा सुप्रीमो द्वारा कन्नौज लोकसभा में कराये गए ऐतिहासिक विकास कार्यो की दम पर काम बोलता है को लेकर जनता के सामने होंगे ।
     कन्नौज लोक सभा के पिछले आंकड़ो पर गौर करे तो इस सीट पर समाजवादी विचार धारा का ही झंडा बुलंद होता रहा है ।अब तक कुल 17 लोकसभा चुनाव हो चुके है जिसमे जनता  पार्टी ने 3 बार जीत हासिल की जब कि भाजपा व कांग्रेस को दो दो बार सफलता मिली इसके अलावा सयुंक्त सोशलिस्ट पार्टी व जनता दल ने जहां एक एक बार जीत हासिल की वही वर्ष 1998 में सपा से प्रदीप यादव 1999   नेता जी मुलायम सिंह 2000  में अखिलेश यादव 2004 में फिर अखिलेश  यादव इसके साथ ही पुनः 2009 में अखिलेश यादव चुनाव जीते 2012 में डिम्पल यादव चुनाव जीती इसके बाद 2014 में पुनः डिम्पल यादव चुनाव जीती ।लेकिन 2019 के चुनाव में डिम्पल यादव विधान सभा कन्नौज  तिर्वा छिबरामऊ बिधूना में सुब्रत पाठक को कड़ी टक्कर देते देते रसूलाबाद विधान सभा मे  सपा पार्टी के प्रभारी की गलत नीतियों  व अति उत्साही कार्यकर्ताओ के कारण  लगभग 16970 मतों से डिम्पल यादव पीछे रह गई और रसूलाबाद विधान से भाजपा के  मात्र जीतने के कारण भाजपा के सुब्रत पाठक  चुनाव जीत गए। यहां के मतों के अंतर का कारण भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक की जीत में सहायक हो गया और सुब्रत पाठक 12353 मतों से चुनाव जीत गए । वैसे 563087 मत सुब्रत पाठक को तो डिम्पल यादव को 550734 मत मिले थे ।
     पिछले चुनाव में हार जीत का अंतर कोई ज्यादा नही है फिर भी हार तो हार ही है ।इस हार का बदला चुकाने के लिए इस बार स्वयम सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने की प्रबल संभावना है ।
    कन्नौज लोकसभा में कराये गए विकास कार्यो व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कन्नौज की पहचान दिलाने में अखिलेश यादव का बड़ा योगदान है तो वही दूसरी तरफ देश मे मोदी की गारंटी भी लोगों के सर चढ़कर बोल रही है । अभी तो चुनाव आयोग ने चुनावो की घोषणा भी नही की है फिर भी सपा भाजपा के कार्यकर्ता गांव गलियों में जाकर एक तरह से पार्टियों का चुनाव प्रचार सा करते देखे जा रहे है।
    आगे देखना अब यह है कि कन्नौज लोकसभा में मोदी की गारंटी पर जनता भरोसा करती है या सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के विकाश कार्यों  को देखकर   वोट देगी ।सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव अगर यहां से चुनाव लड़े तो यहां का चुनाव बड़ा रोमांचक होगा ।

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