गौ वंश का कत्लगाह बनी औरंगाबाद की अस्थाई गौशाला

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लगातार दूसरे दिन फिर मरी एक और गाय
हरे चारे का अकाल और कड़ी धूप में बैठकर सूखा भूसा ठूंसना बन रहा है
 गायों की अकाल मृत्यु का सबब
नगर पंचायत को नहीं है  कोई परवाह  शासन प्रशासन बेखबर
औरंगाबाद (बुलंदशहर)
औरंगाबाद नगर पंचायत की अस्थाई गौशाला गौवंश का कत्लगाह बनकर रह गई है। लगातार दूसरे दिन कुपोषण और देखभाल के अभाव में एक और गाय ने दम तोड दिया। पहले की भांति गौशाला के केयरटेकर अर्जुन ने मृत गाय को सफाई कर्मचारियों के हवाले कर दिया और सफाई कर्मचारी मृत गाय को  कूड़ा-करकट ढोने वाली टैक्टर ट्राली  में लाद कर डंपिंग ग्राउंड में दबा आये। जानकार सूत्रों ने बताया कि यदि डंपिंग ग्राउंड की ही उच्च स्तरीय जांच पड़ताल कराई जाये तो कितनी गाय वहां दबाई जा चुकी है इसकी असलियत सामने आते देर नहीं लगेगी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वहां हड्डियों के ढेर लगे हुए हैं जो कि मृतक अनाश्रित गौ वंश के ही बताये जा रहे हैं।
मंगलवार को अकाल मृत्यु का शिकार हुई गाय का टैगिंग नंबर 105458/026054 था।यह गाय गौशाला में एक कमरे में बंद मिली थी मीडिया द्वारा मामला प्रकाश में लाये जाने पर लखावटी पशुचिकित्सालय के पैरावेट सुंदर पाल सिंह ने तीन बजे उसका इलाज शुरू किया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।सभासद इकलाख कुरैशी, महेश लोधी और कविश अग्रवाल ने बताया कि यदि समय रहते इस गाय का समुचित इलाज कराया जाता तो यह गाय इस तरह अकाल मृत्यु का शिकार ना होती।  लापरवाह केयरटेकर ने समुचित इलाज कराने के बजाय उसे गौशाला के एक कमरे में बंद कर दिया था।साथ ही बताया कि कुछ और गाय भी भूखी प्यासी कडी धूप में बैठी अपनी आखरी सांस गिन रहीं हैं।
इस गौशाला में हरा चारा उपलब्ध नहीं है। अरसे से हरा चारा नदारत है। पैरावेट सुंदर पाल सिंह ने कहा है कि जबतक पशुओं को हरा चारा पर्याप्त मात्रा में सुलभ नहीं कराया जायेगा कुपोषण की शिकार होकर गाय बीमार होती रहेगीं ।गौवंश के लिए धूप से बचने का  भी पर्याप्त प्रबंध नहीं है। आखिर सूखा भूसा ठूंसकर गौवंश कब तक अपने प्राणों को बचायेंगे यह किसी भी सक्षम अधिकारी को दिखाई नहीं पड़ रहा।  पशु चिकित्सा अधिकारी, प्रशासन, नगरपंचायत अधिकारी सब के सब चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हैं।
पूर्व चेयरमैन राजकुमार लोधी उर्फ राजू लोधी ने कहा है कि यदि तीन दिन में गौशाला मे हरे चारेकी व्यवस्था, गौवंश के धूप से बचने की तथा समुचित इलाज की व्यवस्था सुचारू नहीं कराई गई तो गौशाला की दुर्दशा को जिला प्रशासन के माध्यम से दूर कराया जायेगा।

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