भदोही। प्रदेश के पूर्व मंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय सचिव राम आसरे विश्वकर्मा गुरुवार को भदोही पहुंचे। वे क्षेत्र के रणई याकूबपुर गांव में गए। जहां पर 5 दिन से गायब एक नाबालिग का शव 29 नवंबर को बरामद किया गया था। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर घटना के संबंध में जानकारी ली गई।
पूर्व मंत्री नगर के अजीमुल्लाह चौराहे पर स्थित समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष बाल विद्या विकास यादव के आवास पर पहुंचे। जहां पर उनके द्वारा पत्रकारों से बातचीत की गई। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि घटना में पुलिस फेलियर साबित हुई है। 24 नवंबर को नाबालिग गायब होती है। 25 नवंबर को परिजनों द्वारा पुलिस से शिकायत की गई। 26 नवंबर को एफआईआर दर्ज कर पुलिस सो गई। नतीजा 29 नवंबर को नाबालिग का शव बरामद किया जाता है। अगर उस बीच पुलिस सक्रिय हो जाती तो नाबालिग को बरामद किया जा सकता था। लेकिन घटना के इतने दिनों बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे यह प्रतीत होता है कि पुलिस अपराधियों को बचाने में लगी हुई है। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि नाबालिग की किडनी गायब है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं किडनी गैंग सक्रिय हैं। हालांकि इस घटना के संबंध में प्रमुख सचिव व डीजीपी से शिकायत की जाएगी और कारवाई की मांग की जाएगी। कहा अगर पुलिस कार्यवाई नही करती है तो समाजवादी पार्टी के लोग आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि इसी गांव के बगल में दो वर्ष पूर्व एक खुशबू नामक लड़की की हत्या कर दी जाती है। लेकिन अभी तक घटना का खुलासा नहीं किया गया। श्री विश्वकर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। उनका जीरो टॉलरेंस यही है। जहां पर नाबालिग की हत्या कर दी जाती है और पुलिस उसको ढूंढने के बजाए सोई रहती है।
इस मौके पर सपा प्रदेश सचिव आरिफ सिद्दीकी, ज़िलाध्यक्ष प्रदीप यादव, पूर्व ज़िलाध्यक्ष बाल विद्या विकास यादव, हृदय नारायण प्रजापति, हाजी सुहेल अंसारी, डॉ.पवन विश्वकर्मा, मुन्ना यादव, डॉ आशीष विश्वकर्मा, काशी पाल, समाजवादी महिला सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्यामला सरोज, समाजवादी महिला सभा की ज़िलाध्यक्ष डॉ.सरिता बिंद, समाजवादी महिला सभा की जिला महासचिव प्रमिला यादव, मंटू सिंह, रामधनी यादव, धर्मेंद्र मिश्र पप्पू, लालचंद बिंद, रवि यादव, संतोष यादव, हीरामणि प्रधान, रामजी यादव, आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।