अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर सीईपीसी ने प्रधानमंत्री का कराया ध्यान आकृष्ट

Share

भदोही। अमेरिका द्वारा कालीन उद्योग पर लगाये गए टैरिफ के रूप में कर को लेकर ईपीसी के चेयरमैन कुलदीप राज वाटल ने कहा भारत सरकार ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि भारत के हस्तनिर्मित कालीन उ‌द्योग के प्रतिनिधि, 20 लाख से ज़्यादा ग्रामीण कारीगरों के अस्तित्व को खतरे में डालने वाले इस संकट के विरुद्ध आपके हस्तक्षेप की तत्काल माँग करते हैं। श्री वाटल ने कहा हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों पर मौजूदा शुल्कों के अतिरिक्त 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने से कुल भार लगभग 30% हो गया है। इस अचानक वृद्धि से भारतीय निर्यातकों को असह्य नुकसान हो सकता है और इससे वाराणसी, भदोही, मिर्ज़ापुर, शाहजहाँपुर, आगरा, पानीपत, जयपुर और श्रीनगर में कालीन-बुनाई समूहों में रोज़गार का नुकसान हो सकता है। कहा हमारे अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी का तेज़ी से क्षरण, जो अब तुर्की, चीन और पाकिस्तान से आने वाले सस्ते, मशीन-निर्मित कालीनों के कारण असुरक्षित है। श्री वाटल ने कहा हमारे हस्तनिर्मित कालीन निर्यात का 60% हिस्सा अमेरिका से आता है। इस कदम का प्रभाव न केवल व्यावसायिक बल्कि सामाजिक भी है। कालीन बुनाई एक विरासती शिल्प और ग्रामीण आर्थिक आधार है। इस उ‌द्योग को झटका भारत के पारंपरिक रोज़गार सृजन उद्योग के मूल पर एक झटका है। कहा हम सरकार से सादर आग्रह करते हैं कि वह निर्यातकों को बनाए रखने और कारीगरों की आजीविका की रक्षा करने में मदद के लिए तुरंत एक विशेष बेलआउट पैकेज-अमेरिका को वार्षिक निर्यात मूल्य का 20% – की घोषणा करे। कहा तत्काल और निर्णायक कार्रवाई के बिना, इस विरासती उ‌द्योग को दीर्घकालिक क्षति अपूरणीय और अपरिवर्तनीय हो सकती है। उन्होंने भारत सरकार से इस महत्वपूर्ण क्षेत्र और इस पर निर्भर लाखों लोगों की रक्षा के लिए बेलआउट पैकेज की घोषणा करने का आग्रह किया।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *