ललितपुर-शाकाहार के पुरोधा साधु टीएल वासवानी की 145 वीं जन्म जयंती के अवसर पर करुणा इंटरनेशनल केंद्र ललितपुर ने उनका जन्म दिवस शाकाहार दिवस के रुप में मनाया। वहीं विद्यालयों में उनके जन्म दिवस के मौके पर बच्चों ने शाकाहार अपनाने की शपथ भी ली।बताते चलें साधु टी एल वासवानी ने शाकाहार के प्रचार-प्रसार के लिए अपना संपूर्ण जीवन न्यौछावर कर दिया था।उनका जन्म दिवस शाकाहार दिवस के रुप में मनाया जाता है।नगर के स्याद्वाद बाल संस्कार केंद्र जूनियर हाईस्कूल में बच्चों को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य केपी पांडे ने साधु टी एल वासवानी को शाकाहार का पुरोधा बताया। उन्होंने कहा कि साधु टीएल वासवानी के जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए कि उनके जीवन का प्रत्येक क्षण जीव- जंतुओं एवं शाकाहार के प्रति समर्पित रहा।उनका कहना था कि प्रकृति के प्रत्येक प्राणी में जीवन है। हमें संसार के समस्त जीवों से प्रेम करना चाहिए।स्याद्वाद कान्वेंट विद्यालय की प्रधानाचार्य सीमा जैन ने कहा कि प्रकृति ने भी जहाँ मानव के आहार के लिए अनेक वनस्पति व स्वादिष्ट पदार्थ उत्पन्न किए हैं। वहीं उसकी सेवा व सहायता के लिए विभिन्न पशु-पक्षियों की सृष्टि की।वे पशु- पक्षी जो एक ओर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में सहायक होते हैं तो दूसरी ओर मानव भी तनिक सी दया, प्रेम पाकर उसके मनुष्यों से भी अधिक स्वामी भक्त वफादार बनकर उसकी जी जान से सेवा करते हैं।फिर भी आज मानव दानव बनकर जीव हिंसा के लिए कदम बढा रहा है। जिसे आधुनिक युग में रोकना वेहद जरुरी है। जिससे प्रकृति का संरक्षण हो सके।करूणा क्लब प्रभारी लक्ष्मी सिरोठिया ने कहा कि जीवों के प्रति अपार स्नेह रखने वाले साधु टी०एल० वासवानी का जन्म 25 नवंबर 1879 को हैदराबाद में हुआ था।जीव हत्या पर अंकुश लगाने के लिए उन्होंने जीवन भर संघर्ष किया। साधु टीएल वासवानी के जीवन और मिशन को आगे बढ़ाने के लिए मौजूद साधु वासवानी मिशन सालाना 25 नवंबर को वासवानी के जन्मदिन पर अंतर्राष्ट्रीय मांसहीन दिवस मनाता है।क्योंकि उन्होंने शाकाहारी जीवन के सार्वभौमिक अभ्यास की पुरजोर वकालत की थी।इस दौरान राधिका रैकवार,
राधिका झां,सुरभि पंथ,प्रियंका पाल,प्रिंस पाल,खुशबू सेन,कनिष्का दुबे,शिवि पाराशर,
प्राक्षी जैन,पूनम सेन,सिंदपाल यादव,ऋषि पवारिया के अलावा विद्यालय के बच्चों ने शाकाहार अपनाने की शपथ ली।इस दौरान
प्रधानाचार्य केशव प्रसाद पांडे,सीमा जैन,लक्ष्मी सिरोठिया,कामिनी, तृप्तिकरन,मुस्कान मौजूद रहे।करुणा इंटरनेशनल द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें निशा,
नीलम,उपासना, कीर्ति ने साधु टीएल वासवानी की आकृति को उकेरा।प्रतियोगिता में प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया।