उन्नाव में कांग्रेसियों और पुलिस की झड़प, विधानसभा घेराव के लिए लखनऊ जा रहे थे, बोले- विरोध का अधिकार छीना जा रहा

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उन्नाव। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच बुधवार को एक तीखी झड़प हो गई। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर कांग्रेसी कार्यकर्ता लखनऊ विधानसभा घेराव के लिए जा रहे थे। पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक लिया, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई। बता दे कि कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने लखनऊ में विधानसभा घेराव की घोषणा की थी, जिसके तहत प्रदेशभर से कांग्रेसी कार्यकर्ता लखनऊ की ओर मार्च कर रहे थे। इसी कड़ी में उन्नाव से भी कांग्रेसियों का एक जत्था लखनऊ जा रहा था। लेकिन जैसे ही यह कांग्रेसी कार्यकर्ता उन्नाव शहर में स्थित बड़ा चौराहा पहुंचे, पुलिस ने उन्हें रोक लिया। पुलिस के इस कदम से कांग्रेसियों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष आशीष त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूरी तरह से लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठाने का हक कांग्रेसियों से छीन लिया। त्रिपाठी का कहना था, “हम शांतिपूर्ण तरीके से विधानसभा घेराव के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें जबरदस्ती रोका और हमारा विरोध करने का अधिकार छीन लिया।” इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक और धक्कामुक्की हुई। कांग्रेसियों ने बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का कहना था कि लोकतंत्र में सरकार का विरोध करना उनका अधिकार है, और पुलिस का यह कदम पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना किसी कारण के उन्हें रोका और लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेसी नेताओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति और भी तनावपूर्ण होती चली गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध करते हुए धरने पर बैठने का फैसला किया। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाने के लिए कई बार उन्हें समझाया और तितर-बितर होने की अपील की, लेकिन कांग्रेसियों का विरोध जारी रहा। कांग्रेस के प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार विरोधी आवाजों को दबाने के लिए पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस और कांग्रेसियों के बीच तीखी बहस चलती रही। पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कोशिश की, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता लगातार अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत रहे।

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