दिल्ली विश्वविद्यालय के NDTF शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने किरोड़ीमल कॉलेज में हुई बैठक

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दिल्ली विश्वविद्यालय के NDTF शिक्षक संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने किरोड़ीमल कॉलेज में हुई बैठक में आगामी फरवरी में दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यकारी परिषद और अकादमिक परिषद के चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एन डी टी एफ ने ई सी चुनाव में लगातार दूसरी बार अपने निवर्तमान कार्यकारी परिषद सदस्य सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। अकादमिक परिषद के लिए संगठन ने आठ सदस्यीय पैनल को चुनावी मैदान में उतारा है जिसमें एस आर सी सी कॉलेज के डॉ हरिंद्र तिवारी, केशव कॉलेज के डॉ धनपाल सिंह, पी जी डी ए वी कॉलेज से डॉ अंकित अग्रवाल, शहीद भगत सिंह कॉलेज से डॉ रति ढिल्लो, शिवाजी कॉलेज से डॉ विकास शर्मा, अरविंदो कॉलेज से डॉ विवेक चौधरी लॉ फैकल्टी के डॉ अश्विनी सिहवाल और जाकिर हुसैन कॉलेज के डॉ पदम परिहार शामिल हैं।
एन डी टी एफ के अध्यक्ष डॉ. ए के भागी के अनुसार उनके संगठन ने दस साल से अधिक समय तक लम्बित पड़ी बीस हजार यूनिट प्रमोशन कराने में सार्थक भूमिका निभाई है जिसके परिणामस्वरुप आज दिल्ली विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां और प्रमोशन हो चुके हैं और अभी भी जारी है।अब प्रोफेसर स्तर तक प्रमोशन हो रहा है। विश्विद्यालय के विभागों में भी सीनियर प्रोफेसर के लिए प्रमोशन हो रहे है। जल्द ही बाकी बचे प्रमोशन और नियुक्तियों के लिए भी प्रयास किया जाएगा ।पहली बार कॉलेजों में भी बड़ी संख्या में प्रोफेसर बने है। डॉ भागी के अनुसार पास्ट सर्विस को प्रमोशन में जोड़ने और पुरानी पेंशन योजना को सभी के लिए लागू करने हेतु हर संभव प्रयास किया जाएगा। एन डी टी एफ की प्रतिबद्धता है कि विश्वविद्यालय में सामाजिक और लैंगिक न्याय सुनिश्चित हो । एन डी टी एफ के लिए नॉट फाउंड सूटेबल भर्ती प्रक्रिया में कभी भी स्वीकार नहीं रहा है और न ही आगे स्वीकार किया जाएगा। डॉ भागी ने कहा कि एन डी टी एफ के चुनावी एजेंडे की प्राथमिकता में बाकी बचे हुए तदर्थ शिक्षकों के समायोजन /स्थायित्व, छठे वेतन आयोग की विसंगतियां, सातवें वेतन आयोग की एनोमली ,दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या, पुरानी पेंशन योजना, आठवें वेतन आयोग का गठन, बेहतर चिकित्सा और शोध सुविधाएं ,लेवल 10से 11और 11से 12 पर नोशनल इंक्रीमेंट, फीस बढ़ोतरी के विरोध, सेमेस्टर ब्रेक को छुट्टियों के रूप में गिना जाए, दाखिला पॉलिसी की समीक्षा, आरक्षित श्रेणी के बैकलॉग और शॉर्टफॉल की भर्ती , प्रिंसिपल नियुक्तियों में आरक्षण सहित अनेक शिक्षा से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।एन डी टी एफ महासचिव डॉ वी एस नेगी के अनुसार चुनाव  में उनका संगठन शिक्षकों के महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है और इनके लिए निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर के स्तर पर प्रमोशन में पीएचडी से छूट, प्रमोशन में ओरियंटेशन व रिफ्रेशर कोर्स से छूट , प्रोफेसर के लिए शोध – पत्र में राहत, एसोसिएट प्रोफेसर की प्रमोशन तक तदर्थ सेवा का लाभ, आरक्षण के संवैधानिक प्रावधानों का पालन करते हुए तदर्थ शिक्षकों का/स्थायित्व समायोजन , ईडब्ल्यूएस विस्तार के शिक्षक पदों और फंड को जारी करना, पेंशन से संबंधित समस्याओं के साथ ओबीसी के सेकंड ट्रांस के पद जैसे मुद्दों के समाधान के लिए लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं । डॉ वी एस नेगी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पूर्ण वित्त पोषित एवं आंशिक वित्तपोषित कॉलेजों में वेतन एवं ग्रांट की समस्या पिछले कई साल से बहुत भयावह हो गई है। कई कॉलेजों में अभी भी वेतन की समस्या बरकरार है। उनकी दिल्ली सरकार से मांग है कि इन कॉलेजों में समय पर वेतन एवं अन्य ग्रांट जारी हो । अगर दिल्ली सरकार अपनी वित्तीय जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभा पाती है तो इन कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा अधिग्रहण किया जाना चाहिए। डॉ नेगी ने बताया कि लाइब्रेरियन, फिजिकल एजुकेशन टीचर और ओएमएसपी से जुड़े अनेक मुद्दों के समाधान के लिए भी एन डी टी एफ प्रतिबद्ध है। निवर्तमान कार्यकारी परिषद सदस्य सुनील शर्मा ने कहा कि एन डी टी एफ ने लगातार शिक्षक हित में कार्य किया है और इसी के बुते चुनावी मैदान में उतरा है। जल्द ही शिक्षकों के बाकी बचे मुद्दों को हल कराने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।


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