सावन माह के चौथे व अंतिम सोमवार को शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। बोलबम कांवरियां संघ द्वारा कांवड़ यात्रा निकाल कर उपनगर स्थित बाबा जलेश्वरनाथ मंदिर में धूमधाम से भगवान शिव का जलाभिषेक व रुद्राभिषेक किया गया। सायं काल तक चले कार्यक्रम में भारी संख्या में शिवभक्तों ने शिरकत की। मंदिर प्रांगण में भीड़ को देखते हुए पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के अंतिम सोमवार को कांवरियां संघ के साथ नगर व क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सुबह आठ बजे से ही शिवभक्त जलपात्र मुक्तिपथ, कलूट शाह शिवाला व अन्य घाटों पर जलपात्र में सरयू का जल भर कर लेटाघाट पर एकत्र हुए। गणेश पूजन के साथ पदयात्रा निकाली गई। जो डीह बाबा, अंबे टाकीज, गोला चौराहे से होते हुए कालेज रोड, पटना तिराहा, सोती चैराहा होकर बाबा जलेश्वर नाथ मंदिर परिसर पहुंची। हाथी, घोड़ा, बैंड, तासा व सिंघा जुलूस की शोभा बढ़ा रहे थे। जगह-जगह रास्ते में शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जुलूस के साथ भारी संख्या में पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था में चल रहे थे। जबकि आरएसएस व कांवरियों की टोली समूह को घेरे में रख कर चल रही थी। मंदिर परिसर में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग लाइन की व्यवस्था की गई थी। सबसे पहले कांवरियों ने भगवान शिव का सरयू के जल से अभिषेक किया। दोपहर बारह बजे तक चले इस कार्यक्रम के बाद दो बजे से महारुद्राभिषेक का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से एकत्र सवा दो कुंतल दूध भगवान शिव को अर्पित किया गया।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सावन के अंतिम सोमवार को कांवरियां संघ के साथ नगर व क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक व रुद्राभिषेक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सुबह आठ बजे से ही शिवभक्त जलपात्र मुक्तिपथ, कलूट शाह शिवाला व अन्य घाटों पर जलपात्र में सरयू का जल भर कर लेटाघाट पर एकत्र हुए। गणेश पूजन के साथ पदयात्रा निकाली गई। जो डीह बाबा, अंबे टाकीज, गोला चौराहे से होते हुए कालेज रोड, पटना तिराहा, सोती चैराहा होकर बाबा जलेश्वर नाथ मंदिर परिसर पहुंची। हाथी, घोड़ा, बैंड, तासा व सिंघा जुलूस की शोभा बढ़ा रहे थे। जगह-जगह रास्ते में शिवभक्तों पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। जुलूस के साथ भारी संख्या में पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था में चल रहे थे। जबकि आरएसएस व कांवरियों की टोली समूह को घेरे में रख कर चल रही थी। मंदिर परिसर में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग अलग लाइन की व्यवस्था की गई थी। सबसे पहले कांवरियों ने भगवान शिव का सरयू के जल से अभिषेक किया। दोपहर बारह बजे तक चले इस कार्यक्रम के बाद दो बजे से महारुद्राभिषेक का कार्यक्रम शुरू हुआ। जिसमें क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से एकत्र सवा दो कुंतल दूध भगवान शिव को अर्पित किया गया।