महराजगंज तराई (बलरामपुर )/ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर उपचार मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला मनमानी की भेंट चढ़ता दिख रहा है। मेले में डॉक्टर व फार्मासिस्ट दोनों नदारद रहते हैं। ऐसी लापरवाही रविवार को सीएचसी तुलसीपुर के अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुलरिहा हिसामपुर में देखने को मिली।यहाँ रविवार को आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में डॉक्टर व फार्मासिस्ट दोनों गायब रहे। ग्राम प्रधान अमन वर्मा ने बताया की आठ महीने से डॉक्टर और तीन महीने से फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं है। लगभग पंद्रह गांव की पचास हजार आबादी यहां इलाज कराने आते हैं। डॉक्टर की कुर्सी खाली मिलने पर वापस लौट जाते हैं। मजबूरन उन्हें निजी क्लीनिक पर मुंह मांगी फीस देकर इलाज कराना पड़ता है। मामला सीएचसी तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाले पीएचसी गुलरिहा हिसामपुर का है। यहां डॉक्टर का टोटा होने के कारण मरीज को बेहतर स्वास्थ्य लाभ लेने का दवा तार तार नजर आ रहा है। ग्रामीण रामचंद्र यादव, अरुण सोनी, प्रहलाद गुप्ता, रमेश, कुलदीप, आदि ने बताया कि आठ महीने से डॉक्टर की तैनाती नहीं है। ऐसे में मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुलसीपुर व जिला चिकित्सालय बलरामपुर जाना पड़ता है। अस्पताल के चारों तरफ झाड़िया लगी है। मौसम बदलने के साथ संक्रामक बीमारियां पूर्ण रूप से अपना पांव पसार रही है।फिर भी विभाग अपने हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ग्रामीणों ने अस्पताल में फैली गंदगी व डॉक्टर के तैनाती की मांग मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर मुकेश रस्तोगी ने बताया कि जल्द ही डॉक्टर व फार्मासिस्ट की तैनाती की जाएगी।