सरकारी पुल निर्माण में धन की कमी की दरकार,लकड़ी के पुल से  जान जोखिम में डाल नदी करते है पार

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सादुल्लाहनगर ( बलरामपुर ) / दो पड़ोसी जिलों के लोगों के लिए सुगम यातायात के लिए बनाया जा रहा पुल, दस वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो सका है। इससे लोगों में निराशा व्याप्त है। जनता की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ नज़र आ रहा है । पुल निर्माण में पहले वन विभाग ने बाधा उत्पन्न किया, अब धन की कमी आड़े आ रही है। सपा शासनकाल में 98 लाख रुपये की लागत से बनने वाले पुल का निर्माण तीन दिसंबर 2014 को सादुल्लाह नगर क्षेत्र में कुआनों नदी पर ग्राम पंचायत रामपुर ग्रिट में चोरघटा घाट पुल  शुरू हुआ था । निर्माण की जिम्मेदारी सेतु निर्माण निगम को दी गई थी। दो पिलर खड़ा होने व सलैब ढालने के बाद धन की कमी आड़े आने से निर्माण बंद हो गया। पुन:2021-22 में निर्माण शुरू हुआ दो और पिलर खड़ें किये 2022में निर्माण पुन: रुक  गया।
चार पिलर व दोनों छोर के एप्रोच मार्ग बनकर तैयार हैं आधे पुल का सलैब ढालने का काम बाकी है।
ग्राम प्रधान अंसार चौधरी, अनिल तिवारी, अवधेश उपाध्याय, मोहम्मद  नईम ,राकेश तिवारी, देवानंद तिवारी, मनोज श्रीवास्तव, शेषमणि, अनिल कुमार, मुहम्मद जाफर, नसीम अहमद व दिलीप कुमार गुप्त ,जलील अहमद व इमामुददीन ने बताया कि पुल के बन जाने से बलरामपुर व सिद्धार्थनगर के लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा।
दोनों जनपदों के ,सिरसिया, ।पिपरहवा, धर्मगुरु, गजपुर ग्रिट ग्रिट, इटईरामपुर, बढ़नी चाफा, मुहम्मदपुर, महुआ, रामपुर ग्रिट, बभनपुरवा, लालपुर भलुहिया, अचलपुर घाट, सलेमपुर सहित करीब 50 गांवों के लोगों की राह आसान हो जाएगी।
वर्तमान में लकड़ी के पुल पर राहगीर  नदी पार करते हैं वर्षा के मौसम में लकड़ी का पुल बह जाने से पांच माह तक आवागमन बाधित रहता है । नदी में पानी कम होने पर पुन:लकड़ी का पुल निर्माण होता है फिर आवागमन जान जोखिम में डाल कर राहगीर करते हैं।

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