उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने पूर्व में जनपद में बिना नम्बर प्लेट, धुँधली नम्बर प्लेट, क्षतिग्रस्त नम्बर प्लेट, ग्रीस/मिट्टी लगी नम्बर प्लेट, कपड़ा बँधी नम्बर प्लेट, पंजीयन अंक छुपी नम्बर प्लेट व बिना हाई सिक्योरिटी (एचएसआरपी) नम्बर प्लेट लगाये संचालित हो रहे वाहनों पर नियमानुसार कार्यवाही किये एवम् ऐसी वाहनों को कानून व्यवस्था में बाधा डालने व शासकीय राजस्व की चोरी में संलिप्त समझने व ऐसे वाहन के विरुद्ध नियमानुसार कानूनी कार्यवाही अमल में जाने एवम् ऐसे वाहनों के वाहन स्वामियों के विरुद्ध आईपीसी की 420 इत्यादि सुसंगत धाराओं में प्रथम सूचना रिपार्ट (एफआईआर) दर्ज कराये जाने के निर्देश दिये गये थे।
उक्त निर्देश के अनुपालन में राजेश कुमार, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) प्रथम दल, द्वारा चेसिस सं0 एमएटी 820003 एम1 के 22716 वाहन संख्या यूपी 83 सीटी 5453 वाहन पोर्टल के अनुसार वाहन स्वामी अजय कुमार पुत्र रक्षा पाल सिंह एवं वाहन ड्राइवर मनोज के विरुद्ध वाहन संख्या यूपी 83 सीटी 5452 की नम्बर प्लेट लगाकर संचालित करने एवं अन्य के सम्बन्ध में थाना कोतवाली डकोर में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा एक ही नम्बर के दो वाहन एक वाहन थाना डकोर व एक वाहन कोतवाली जालौन में निरुद्ध किया गया। यह तथ्य संज्ञान में आया कि एक ही नम्बर प्लेट के दो वाहनों के अलग-अलग थाना/कोतवाली में निरुद्ध है, जिसकी जांच की गयी व फर्जी नम्बर प्लेट वाले वाहन के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही करते हुए वाहन स्वामी व चालक के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। चूँकि उक्त वाहन का चालक वाहन स्वामी की मिली भगत से वाहन पर मैनुअल फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर वाहन का संचालन करता था। इस प्रकरण में थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक, डकोर ही महत्वपूर्ण भूमिका रही।