देश के पहले रोटी का हुआ विस्तार, अब ऑटोमेटिक रोटी मशीन से भूखे तक पहुंचेगी रोटी, एसडीएम ने फीता काटकर रोटी मशीन का किया शुभारंभ

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महोबा। में संचालित देश के पहले रोटी बैंक ने घर-घर रोटी मांग कर भूखों और बेसहारों तक खाना मुहैया कराने के काम को आसान और विस्तार दिया है। भारतीय रोटी बैंक के कार्यालय में आज से ऑटोमैटिक रोटी मशीन का संचालन शुरू किया गया जिसका शुभारंभ उपजिलाधिकारी ने फीता काटकर किया। एसडीएम ने मशीन का बटन दबाकर पहली रोटी निकाली है। रोटी मशीन के उद्घाटन कार्यक्रम में एक गोष्ठी का भी आयोजित हुई है जिसमे मौजूद समाजसेवियों ने रोटी बैंक के कार्य की जमकर सराहना की।V/O- महोबा में भूखों को भरपेट भोजन देने की मुहीम की शुरुआत आज से 9 वर्ष पूर्व रोटी बैंक के रूप में हुई। तब से लेकर आज तक रोटी बैंक का न केवल कारवां बढ़ा बल्कि इसमें हुए विस्तार से रोटी बैंक की पहचान भी देश के बाहर हुई है। देश के पिछड़े इलाके बुंदेलखंड के महोबा से आरंभ हुआ रोटी बैंक आज इंडोनेशिया, जॉर्डन, इराक, जकार्ता सहित कई देशों में भारतीय रोटी बैंक के नाम से काम कर रहा है जहां बेसहारों को मदद भेजने का काम  किया जा रहा है। यहीं नही कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए रोटी बैंक ने ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था की थी। वर्ष 2019 में इंडोनेशिया के तीन शहरों बान्डुप, सुमित्रा और जकार्ता में अनाथ बच्चों की मदद के लिए रोटी बैंक की तीन सदस्यीय टीम ने जाकर रोटी बैंक का नाम विश्व पटल पर ला दिया था। मानव सेवा की इस ललक के चलते रोटी बैंक के संस्थापक हाजी मुट्टन और उनकी टीम पंकज, प्रभा तिवारी, जगन्नाथ, विवेक आदि की मुहीम ने अब बड़ा आकार ले लिया है। घर घर जाकर दो दो रोटी इकट्ठा कर भूखों तक पहुंचाने का ये सिलसिला 9 वर्ष से लगातार चल रहा है जिसमे रोटी की व्यवस्था में समय की बर्बादी के अलावा जरूरतमंद तक समय से भोजन न पहुंचने की दिक्कत आज से खत्म हो गई है। रोटी बैंक ने ऑटोमेटिक रोटी मशीन लगाकर 1 घंटे में ₹1000 बनाने की शुरुआत कर दी है। जिसका उद्घाटन एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार ने फीता काटकर किया। मशीन के शुरू होते ही एसडीएम द्वारा पहली रोटी निकालकर यह रोटी मशीन गरीबों, बेसहारों और यातीमों के लिए समर्पित कर दी  गई। इस मौके पर एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार ने कहा कि इतने छोटे जनपद में इतनी बड़ा पुण्य काम यकीनन लोगों को प्रेरणा देती है। इस पुनीत कार्य में रोटी मशीन का शुभारंभ मेरे द्वारा करना मेरे लिए गर्व और सौभाग्य की बात है। मैं भी इस रोटी बैंक के जरिए भूखों को भरपेट भोजन पहुंचाने की मुहीम की जितनी मदद हो सकेगी करूंगा। एसडीएम ने लोगों से इस मुहीम में जुड़ने की अपील भी की है।

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