दरे हमीद से हाफिज रिजवान को उस्तादुल हुफ्फाज काजी-ए-शहर हाजी हाफिज परवेज ने दस्तार बांध कर हिफ़्ज़ की दी सनद भदोही। उस्तादुल हुफ्फाज हाजी हाफिज अब्दुल हमीद के गुलशन से अनगिनत हाफिजे क़ुरआन फारिग होकर दीन की खिदमत में लगे हुए है और गुलशने हमीद की बगिया को महका रहे है। इस गुलशन के महकते हुए फूलों में हाफिज इस्राइल, हाफिज बड्डन, हाफिज ज़ाहिद, कारी गुलाम महमूद हबीबी सहित हाफिजों ने न सिर्फ भदोही जनपद में दीन की खिदमत की बल्कि अन्य जनपदों में जा कर माहे रमजान में तराबीह व सबीना पढा कर दीन कि खिदमत की। उसके बाद हाफिज महताब, हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी, हाफिज आबिद हुसैन, हाफिज अली रजा, हाफिज रइस, हाफिज शहनवाज़, मौलाना हाफिज अरफ़ात हुसैन आदि हुफ्फाज-ए-कराम दीन की खिदमत कर रहे है यही नही रमजान शरीफ के महीने में हर मस्जिदों में गुलशने हमीद के फूल तरावीह व सबीना पढ़ाते हुए नजर आएंगे। गुलशने हमीद से काजी-ए-शहर हाजी हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां की शक्ल में खिला जो आज तक उस गुलशन को सींचता हुआ नजर आ रहा है। उस्तादुल हुफ्फाज काजी-ए-शहर हाजी हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां की कयादत में अबतक सैकड़ो हुफ्फाज़ो के सिर पर इमामा शरीफ बांध कर हिफ़्ज़ (कंठस्थ)की सनद दी गई। हर वर्ष दर्जनों की तायदाद में गुलशने हमीद से हुफ्फाज़ो की शक्ल में फूल खिल कर मआशरे को मोअत्तर कर रहे हैं। रविवार को भी आसमाने हमीद से एक सितारा हाफिज रिजवान की शक्ल में नमूदार हुआ। उस सितारे को उस्तादुल हुफ्फाज काजी-ए-शहर हाजी हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां ने दस्तार बांध कर सनद दी। वहीं हाफिज रिजवान के चाचा उस्तादुल हुफ्फाज हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी, हाफीज अली रजा, हाफिज शाह आलम, हाफिज तौफीक, हाफिज हसनैन, हाफिज नायाब, हाफिज शहजाद ने हाफिज रिजवान के दस्तार मुबारक में शामिल होकर दुआएं दी। वहीं हाफिज रिजवान के वालिद महताब अंसारी व बड़े अब्बू पत्रकार आफताब अंसारी, वरिष्ठ पत्रकार कैसर परवेज, चाचा इश्तियाक अंसारी, इम्तियाज़ अंसारी, इरशाद अंसारी नूर मोहम्मद, फूफा मुमताज़ अंसारी, खुर्शीद अंसारी सहित घर के सभी छोटे बड़े अफ़राद हाफिज रिजवान के सिर इमामा शरीफ देख रश्क कर रहे थे। घर पहुंचने पर दादी व बड़ी अम्मी तथा सभी छोटी अम्मियों ने दुआओं से नवाजा।