ललितपुर। बुंदेलखंड के प्रसिद्ध सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में टीकमगढ़ में चातुर्मास पूर्ण कर परमपूज्य आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता का ससंघ शुभागमन हुआ। विकासखंड तालबेहट अंतर्गत ग्राम गुन्देरा में रात्रि विश्राम के उपरांत शुक्रवार को आचार्य सुमति सागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता, विश्वयश मति माता एवं आप्तमति माता के पावागिरि आगमन पर जैन धर्माबिलंबियों ने ढ़ोल नगाड़ों के साथ जयकारे एवं सत्य अहिंसा के नारे लगाते हुए भव्य आगुवानी की एवं पाद पृच्छालन किया। पावागिरि क्षेत्र वंदना के उपरांत अतिशय युक्त चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी के अभिषेक शांतिधारा कार्यक्रम में आर्यिका गणिनी सृष्टिभूषण माता ने मंत्रोच्चार किया एवं धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए इंसानियत और मानवता को अंगीकार कर धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान किया। प्रतिष्ठाचार्य बा.ब्र. अभिषेक भैया पवई एवं बा.ब्र. प्रिंस जैन टीकमगढ़ के निर्देशन में मंगल घटयात्रा के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ किया जिसमें मांगलाष्टक, देव आज्ञा, गुरु आज्ञा, आचार्य निमंत्रण, जाप्यानुष्ठान, इंद्र प्रतिष्ठा, सकलीकारण, ध्वजारोहण, दीप प्रज्ज्वलन की क्रियाएँ विधि विधान से संपन्न की गयी। मंजीत एन्ड पार्टी भोपाल के मधुर संगीत में भक्ति भाव के साथ सिद्धों की आराधना कर 8 अर्घ समर्पित किये। रात्रि में मंगल आरती एवं शास्त्र प्रवचन का आयोजन किया गया। मंदिर समिति के उपाध्यक्ष विशाल जैन पवा ने बताया की सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में 8 से 15 नवंबर तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान के उपरांत 17 से 20 नवम्बर तक वार्षिक मेला के माध्यम से स्वर्णभद्रादि मुनिराजों का निर्वाण महोत्सव मनाया जायेगा। कार्यक्रम में क्षेत्र प्रबंध कार्यकारिणी समिति एवं सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन क्षेत्र अध्यक्ष ज्ञानचंद्र जैन पुरा एवं आभार व्यक्त अजित जैन विरधा ने किया।