भदोही। नगर के मोहल्ला कजियाना शरीफ स्थित हजरत हाजी अब्दुल वहाब चरम पोश रहमतुल्लाह अलैह का 63 वां सालाना उर्स शनिवार को बड़े ही अक़ीदतो एहतेराम के साथ किया गया। शनिवार को बाद नमाज कुरान ख्वानी तथा 11 बजे दिन से दो दिवसीय लंगरे आम का एहतेमाम किया गया जो देर शाम तक चलता रहा लंगरे आम मे दूर दराज से चल कर बूढ़े बच्चे और जवान जहां शामिल हुए तो वहीं महिलाओं ने भी लंगर से फैजियाब हुईं। मजार शरीफ के पास अस्थाई फूल माला व शिरिनी की दुकानें लगी हुई थीं जहां पुरुष व महिलाएं तथा बच्चे श्रद्धा से अपने खाली दामन को भरते हुए आस्ताने आलिया पर नजर आए। वहीं बाद नमाज मगरिब गागर शरीफ उठाई गई उसके बाद कव्वाली का कार्यक्रम शुरू हुआ जो अल सुबह तक चलता रहा। कव्वाल सुल्तान साबरी दिल्ली, व अनस जुनैद चिश्ती आगरा ने एक से बढ़ कर एक कलाम सुनाया जहां अकीदतमंद झूमते रहे। वहीं बाबा से बे पनाह अक़ीदत रखने वाले कमेटी के अध्यक्ष हाजी अख्तर कुरैशी, हाजी आज़ाद खां, नाज़िम सिद्दीकी, गद्दी नशीं उस्मान सिद्दीकी, वसिमुल्लाह खान, तनवीर अहमद, वामिक सिद्दीकी, चाँद बाबू, अतीक खां, जावेद कुरैशी दानिश सिद्दीकी, उस्मान खान, जानिसार खां, शानू खां, नेहाल कुरैशी जीमी खां, प्रिंस खां आदि लोगो ने लंगरे आम में आये हुए लोगो को लंगर से फैजियाब कराते रहे। इस मौके पर गद्दी नशीं उस्मान सिद्दीकी, वसिमुल्लाह खां व हाजी आज़ाद खां ने आये हुए एक-एक जायरीनों को मोहब्बतों के साए तले लंगरे आम से फैजियाब कराते रहे। उन्होंने कहा बाबा से अक़ीदत रखने वाले शहर के तमाम लोगो ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जो भदोही के भाई चारे में चार चांद लगाने का काम हुआ। कहा यह ऐसा दरबार होता है जहां कोई भेद भाव नही होता बस यह देखा जाता है कि आने वाला अक़ीदत मंद है आने वाला परिशाने हाल है आने वाला जरूरत मंद है जिसे बाबा उनकी नेक और जायज तमन्नाओं को बारगाहे इलाही में अर्ज कर पूरी करते है। कहा बाबा के दरबार में न कोई हिन्दू न कोई मुसलमान सिर्फ यहां इंसान होता है यहां से इंसानियत मोहब्बत भाई चारा मिल्लत और देश से मोहब्बत करने का पैगाम दिया जाता है।इस मौके पर कमेटी के सदस्य व भाजपा नेता जावेद कुरैशी ने आये हुए मेहमानों का हिर्दय से शुक्रिया अदा किया।