समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047 अभियान के तहत विजन डॉक्यूमेंट निर्माण में

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ललितपुर। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047 अभियान की शुरुआत की है, जिसके तहत शासन स्तर से गठित प्रबुद्धजनों की टीम जिलों में भ्रमण कर विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, व्यापारी, उद्यमी, श्रमिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया और आम नागरिकों से सुझाव ले रही है।
इसी के क्रम में जनपद ललितपुर में भी डॉ ज्ञानेन्द्र नाथ, सलाहकार (खाद्य एवं औषधि प्रशासन)  मुख्यमंत्री, उ0प्र0, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग/नोडल अधिकारी  अमृत त्रिपाठी, डॉ प्रतीक अग्रवाल, प्रोफेसर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी ने दो दिवसीय भ्रमण के आज पहले दिन नेहरु महाविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र और कलैक्ट्रेट सभागार में जनजागरुकता कार्यशाला कर विजन डॉक्यूमेंट के निर्माण हेतु गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047 अभियान की शुरुआत की है, यह अभियान किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं है, इसमें विद्यार्थी, शिक्षक, किसान, व्यापारी, उद्यमी, श्रमिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन, मीडिया और आम नागरिक सभी इसमें अपनी भागीदारी दर्ज करा सकते हैं। नागरिकों की सीधी भागीदारी से न केवल योजनाएं अधिक प्रभावी बनेंगी बल्कि विकास की यात्रा में सभी वर्गों का योगदान भी सुनिश्चित होगा।
                 उन्होंने कहा कि सरकार इस अभियान से प्राप्त विचारों को आधार बनाकर एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करेगी। यह डॉक्यूमेंट तीन प्रमुख थीमोंकृअर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्तिकृके इर्द-गिर्द केंद्रित होगा। साथ ही इसमें 12 प्रमुख सेक्टर शामिल होंगेकृकृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी एवं उभरती प्रौद्योगिकी, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, संतुलित विकास, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा सुरक्षा एवं सुशासन। इन सभी विषयों पर प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य के विकास की दीर्घकालिक रणनीति तय की जाएगी। यह विजन डॉक्यूमेंट न केवल वर्तमान नीतियों की दिशा तय करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए विकास की आधारशिला साबित होगा। यही दस्तावेज़ उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित राज्यों की श्रेणी में ले जाने का रोडमैप बनेगा।
कलैक्ट्रेट सभागार में समिति व नोडल अधिकारी ने प्रबुद्धजनों के साथ समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश /2047 अभियान पर गहन चर्चा की। कार्यक्रम में जिलाधिकारी  अमनदीप डुली व पुलिस अधीक्षक मो0 मुश्ताक ने सभी का बुके भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में   राज्यमंत्री श्रम एवं सेवायोजन विभाग, उ0प्र0 मनोहर लाल पंथ, मा0 सदर विधायक  रामरतन कुशवाहा,  जिलाध्यक्ष भाजपा  हरीशचन्द्र रावत,  दिनेश गोस्वामी आदि जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों से उनके विचार, जनपद की समस्याएं व सुधार हेतु सुझावों को सूचीबद्ध करते हुए सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखने की बात कही। कार्यशाला में मुख्य रुप से जनपद की पत्थर की खदानों को पुनः शुरु कराने, जल जीवन मिशन अंतर्गत खोदी गई सड़कों की मरम्मत व पेयजल आपूर्ति, पर्यटन स्थलों तक पहुंच मार्ग, महिलाओं को स्वरोजगार प्रशिक्षण, शहर की यातायात व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु फ्लाईऑवर ब्रिज का निर्माण, लखंजर पापरा ग्राम में सम्पर्क मार्ग, आधुनिक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहन आदि प्रकरण शामिल रहे। इस अवसर पर  सदर विधायक ने सुझाव दिया कि कि शहर में मिलिट्री की भूमि का स्थानान्तरण आवश्यक है, जिसके कारण विकास के अनेकों कार्य प्रभावित हो रहे हैं। मा0 राज्यमंत्री ने कहा कि जनपद में पत्थर की खदानों को शुरु कराने का प्रस्ताव रखा। पर्यटन रतन रविन्द्र दिवाकर ने जनपद में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाओं को विस्तार से बताया। स्वयंसेवी संस्था बुन्देलखण्ड ग्रामोधोगिक समाज सेवा समिति के प्रमुख पवन संज्ञा ने महिलाओं को आर्थिक रुप से समृद्धि लाने के लिए उन्हें पशुपालन उपलब्ध कराने की योजना बनाये जाने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही प्रबुद्धजनों ने जनपद में सौर ऊर्जा के साथ पवन ऊर्जा की संभावनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया। मा0 सलाहकार महोदय ने सभी के सुझावों पर मा0 मुख्यमंत्री जी के समक्ष रखने का आश्वासन दिया और कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे और प्रदेश की प्रगति में भागीदार बनेंगे।
कार्यक्रमों में मुख्य विकास अधिकारी शेषनाथ चौहान, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे राजेश श्रीवास्तव, उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार, उप जिलाधिकारी पाली भूपेन्द्र सिंह, जिला विकास अधिकारी अतिरंजन सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं, किसान, एफपीओ, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विधाओं के प्रबुद्धजन आदि उपस्थित रहे। नेहरु महाविद्यालय  भ्रमण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए उन्होंने तुलसी सभागार नेहरु महाविद्यालय में एकीकृत शैक्षणिक सत्र एवं शिक्षा संवाद किया। उपस्थित प्राध्यापकों एवं छात्र/छात्राओं को सम्बोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी के सलाहकार डॉ. ज्ञानेन्द्र नाथ सिंह सेवानिवृत्त आईएएस ने कहा कि बुन्देलखण्ड का ललितपुर जनपद भारत के मध्य में स्थित है। यहाँ की माटी वीरांगनाओं और वीर सपूतों की रही है। इस माटी में विकास की असीम संभावनायें छिपी हुई हैं। इस धरती में  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने विकसित उत्तर प्रदेश करने का सपना देखा है इसलिए नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत हर घर पेयजल पहुंचाने एवं साड़ी उद्योग को विकसित करने एवं खनिज और मिनरल का जो अकूत भण्डार जनपद में है, उसके निरन्तर विकास के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है। जनपद पर्यटन का प्रमुख केन्द्र है। सरकार की मंशा है कि यहाँ पर्यटन का हब बनाकर सैलानियों के लिए आकर्षिक करें। यहाँ रोजगार के साधन मुहैया करायें। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक विकास के लिए सरकार हर संसाधन गुणात्मक शिक्षा के लिए जुटाने हेतु प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति हर जनपद में एक विश्वविद्यालय की है। जिसके तहत नेहरू महाविद्यालय ललितपुर की प्रबंध समिति की मांग पर उनका विश्वविद्यालय का प्रस्ताव माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा, जिससे जनपद के छात्र/छात्राओं का रोजगारपरक शिक्षा प्राप्त करने का सपना पूरा सकेगा। उन्होंने छात्र/छात्राओं एवं प्राध्यापकों से संवाद किया जिसमें सभी ने एक स्वर से नेहरू महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाने की पुरजोर रूप से मांग की।
शिक्षाविद प्रो. प्रतीक अग्रवाल, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झाँसी ने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने नई शिक्षा नीति से संबंधित विभिन्न पहलुओं को विद्यार्थियों के सामने रखकर मार्गदर्शन किया। संवादशाला में डॉ. राजीव निरंजन ने पीपीटी के माध्यम से तथा डॉ. दीपक पाठक द्वारा विकसित उत्तर प्रदेश के बिन्दुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों एवं प्राचार्य प्रो. ओमप्रकाश शास्त्री द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी के सलाहकार डॉ. ज्ञानेन्द्र नाथ सिंह एवं प्रो. प्रतीक अग्रवाल को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया।    कृषि विज्ञान केन्द्र-
             नेहरु महा विद्यालय के उपरान्त प्रबुद्धजनों की समिति ने कृषि विज्ञान केन्द्र में समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश/2047 अभियान कार्यशाला में प्रतिभाग किया। उन्होंने कार्यक्रम में जनपद के सभी 71 एफ0पी0ओ0 के प्रतिनिधियों एवं लगभग 80 किसानों से वार्तालाप किया। मुख्यमंत्री जी के संकल्प उ0प्र0 को 2047 तक विकसित बनाने के प्रयास के तहत एफ0पी0ओं की तरफ से आये सुझावों में ब्लाक स्तर पर अनाज भण्डारण, पॉली हाउस के माध्यम से किसानों को गुणवत्तायुक्त पौध एवं बीज उपलब्ध कराने, दलहनी-तिलहनी का सीड पार्क तैयार करके उन्नतशील बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करनेे, फसल विविधिकरण एवं प्रसंसकरण के माध्यम से कृषको की आमदनी बढ़ाने इत्यादि पर चर्चा करते हुए उपरोक्त सुझावों को मुख्यमंत्री  के समक्ष प्रस्तुत करने की बात की गयी। प्रगतिशील कृषक विजय सिंह राजपूत, ग्राम- ककरूआ से चर्चा कर केवीके, ललितपुर के सहयोग से बलिनी दुग्ध संग्रह केन्द्र से 500 से अधिक कृषकों को जोड़ने की बात पर जोर दिया गया। डा0 मुकेश चन्द, अध्यक्ष, केवीके, ललितपुर द्वारा विकसित उ0प्र0 अभियान के तहत किसान भाइयों को फसल विविधिकरण अपनाने में बुन्देलखण्ड में दलहनी-तिलहनी के क्षेत्रफल को बढ़ाने, बाजार उपलब्धता हेतु एफ0पी0ओ0 को मजबूत करने पर बल दिया गया

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