बलरामपुर/ जनपद के शिवपुरा में पधारे समर्थ सन्त, गुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने शिवपुरा में अपने एक दिवसीय सतसंग कार्यक्रम में मौजूद लगभग पचास हजार लोगों से कहा कि” हाथ जोड़ कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी”।हमारी जीवात्मा कर्म के अनुसार स्वर्ग या बैकुंठ में भेजी जाती है। जो मनुष्य शरीर और जीवन का मतलब नहीं समझते उन्हें बहुत सजा मिलती है। मानव शरीर देव दुर्लभ शरीर है। देवता भी यह शरीर पाने की कामना करते हैं। जैसे यहां व्यवस्था है वैसे ही वहां भी व्यवस्था है। वहां किसी की भी सिफारिश या दबाव नहीं चलती है कर्म के अनुसार सजा मिलती है।
मीरा ने कहा था घट घट मेरा साइ नाथ, दूजा मेरा न कोई! कबीर दास ने कहा जो तिल माही तेल है जो चमक में आग, तेरा साई तुझमें है तू भाप सके तो भाप। ईश्वर आपके अंदर विद्यमान है। बस स्वयं को जानने की देरी है।कार्यक्रम के अंत में कहा कि मेरा अगला सत्संग कार्यक्रम बाराबंकी में होगा। कार्यक्रम में उज्जैन से केंद्रीय प्रभारी लक्ष्मण सिंह, जोन प्रभारी दिलीप कुमार तिवारी, प्रांत प्रभारी कन्हैया लाल, दसरथ लाल, घनश्याम, उन्नाव से रिंकू शुक्ला, बलरामपुर से , बुद्ध सागर तिवारी, गुरुदास वर्मा, जय कुमार पाठक, जग प्रसाद मौर्य, लखनऊ से नागेश्वर द्विवेदी, डॉक्टर राम जागे, लखनऊ से गुरुशरण, आगरा से रविशंकर, दिल्ली से मनोज कुमार, अमरोहा बृजेंद्र प्रताप सिंह आदि विभिन्न जनपदों से श्रद्धालु शामिल हुए।