घण्टो अस्पताल के बेड पर सिसक रहे पत्रकार का नही हो सका उपचार
अंत मे पत्रकार को एक निजी अस्पताल जाना पड़ा उपचार के लिए
भदोही। सरकार मरीजो के लिए हर सम्भव उपचार हेतु सहूलियत मुहैया करा रखी है। वहीं अस्पतालों में डॉक्टरों को ससमय पहुंचने की भी हिदायत दे रखी है लेकिन सरकार के आदेशों व निर्देशो को ताक पर रख डॉक्टर अस्पताल में उपलब्ध नही रहते और मरीजो को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है। ऐसा ही नजारा भदोही नगर में स्थित महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल में देखने को मिला। मालूम हो कि एक चैनल के पत्रकार राजेश जायसवाल का नगर के रजपुरा स्थित एक्सीडेंट लगभग 2 बजे दिन में हुआ। स्थानीय लोगो की सहायता से पत्रकार को महाराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल लाया गया जहां पर एक भी डॉक्टर और न ही वार्ड बॉय नजर आए। घण्टो के बाद एक वार्ड बॉय आता है मरीज को देख कर चला जाता है। काफी समय गुजर जाने के बाद पत्रकार द्वारा ज़िला चिकित्सक को दूरभाष से मामले के बारे में अवगत कराया जाता है। सीएमओ साहब के आश्वासन के बाद लगभग साढ़े छह बजे वार्ड बॉय आते है और इधर उधर पत्रकार को देखते है फिर चले जाते है। व्यवस्था न होने पर पत्रकार के परिजन एक निजी अस्पताल में उपचार हेतु चले गए। कहना गलत न होगा कि एमबीएस अस्पताल वार्ड बॉय के सहारे चल रहा है। डॉक्टरों को मरीजो से कोई सरोकार नही।