सोनभद्र। राष्ट्रीय वायरल हेपिटाइटिस नियंत्रण कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मंगलवार को सीएमओ डॉक्टर अश्वनी कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस मौके पर डॉक्टर अश्वनी कुमार ने बताया कि, हेपेटाइटिस बी लीवर संक्रमण है। यह एक वायरस के कारण होता है। एक टिका है जो इससे बचाता है। कुछ लोगों के लिए हेपेटाइटिस बी हल्का होता है और थोड़े समय तक के लिए रहता है। इन गंभीर बीमारी में हमेशा उपचार की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन यह क्रॉनिक हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो यह अंग पर घाव, लीवर की विफलता और कैंसर का कारण बन सकता है और जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय सोनभद्र के प्रधानाचार्य डॉक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि, यदि हेपेटाइटिस बी के लक्षण आप में है और लीवर एंजाइम का स्तर उच्च है तो आपका परीक्षण किया जाएगा। अल्ट्रासाउंड भी करा सकते हैं। जनपद स्तरीय नोडल अधिकारी डॉक्टर गिरधारी लाल ने बताया कि, हेपेटाइटिस का अर्थ है- यकृत की सूजन। हेपेटाइटिस के अन्य प्रकार भी हैं। हेपेटाइटिस संक्रमण होने पर हल्के रंग का मल, बुखार, थकान जो हफ्तों या महीना तक बनी रहती है, भूख न लगना, मतली,पेट दर्द एवं जोड़ों का दर्द होता है। डॉक्टर एस एस पांडेय ने बताया कि, हेपेटाइटिस बी और सी वायरस के कारण होते हैं। यह बीमारी असुरक्षित यौन संबंध, टैटू बनवाने, संक्रमित सीरिंज का प्रयोग करने से होता है। इसका मुफ्त जांच एवं इलाज इलाज जिला चिकित्सालय सोनभद्र में उपलब्ध है। इस अवसर पर सीएमओ डॉक्टर अश्वनी कुमार, डॉक्टर एस एस पांडेय, डॉक्टर गिरधारी लाल, जनपद के स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं अन्य संबंधित गण मौजूद रहे।